राजस्थान की सोलहवीं विधानसभा का पहला सत्र शुरू, गदा लेकर पहुंचे बालमुकुंदाचार्य
जयपुर। सोलहवीं विधानसभा का प्रथम सत्र बुधवार सुबह ग्यारह बजे शुरू हुआ। करीब तीन घंटे सत्र चलने के बाद विधानसभा की कार्यवाही गुरुवार दोपहर ढाई बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई है। आज मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा, उपमुख्यमंत्री दिया कुमारी और प्रेमचंद बैरवा सहित 191 विधायकों ने शपथ ली। आठ विधायकों की शपथ बाकी है, जिनमें पांच भाजपा और तीन कांग्रेस विधायक हैं।
सत्र शुरू होने के साथ ही राज्यपाल मिश्र की ओर से प्रोटेम स्पीकर कालीचरण सराफ और सहयोग के लिए बनाए गए तीन सदस्यीय पैनल वरिष्ठ विधायक दयाराम परमार, प्रताप सिंह सिंघवी और डॉक्टर किरोडी लाल मीणा की नियुक्ति की जानकारी दी गई।उसके बाद प्रोटेम स्पीकर सराफ ने भारतीय जनता पार्टी विधायक दल के नेता और मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा को शपथ दिलाई। उसके बाद उपमुख्यमंत्री दिया कुमारी और प्रेमचंद बैरवा को शपथ दिलाई गई। तत्पश्चात दयाराम परमार, प्रताप सिंह सिंघवी और डॉक्टर किरोडी लाल मीणा समेत अन्य नव निर्वाचित विधायकों को शपथ ग्रहण कराई गई।
राज्यपाल कलराज मिश्र ने मंगलवार को सोलहवीं विधानसभा के प्रथम सत्र को आहूत करने की स्वीकृति प्रदान की थी। सत्र के दूसरे दिन शेष रहे निर्वाचित विधायकों का शपथ ग्रहण समारोह होगा। उसके बाद विधायक नई विधानसभा के स्पीकर का चुनाव करेंगे।भाजपा की ओर से वरिष्ठ विधायक वासुदेव देवनानी ने आज विधानसभा अध्यक्ष पद के लिए नामांकन दाखिल किया। यदि कांग्रेस या अन्य दलों की ओर से प्रत्याशी तय किया जाता है तो मतदान होगा, अन्यथा देवनानी को सर्वसम्मति से स्पीकर चुन लिया जाएगा।
शांति धारीवाल ने जताई आपत्ति
सत्र शुरु होते ही विपक्षी दल कांग्रेस ने राज्यपाल के अभिभाषण के बिना सत्र बुलाने पर कड़ी आपत्ति जताई। कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक और पूर्व मंत्री शांति धारीवाल ने शॉर्ट नोटिस पर और बिना राज्यपाल के अभिभाषण के विधानसभा का सत्र बुलाने का विरोध करते हुए कहा कि राज्यपाल के अभिभाषण से सदन की कार्रवाई शुरू करने के परंपरा रही है। लेकिन इस बार ऐसा नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि 24 घंटे पहले सूचना मिलती है। धारीवाल ने तंज कसते हुए कहा कि यह भजन मंडली का कार्यक्रम नहीं कि कि आप अचानक कहे कि आ जाओ कि आज भजन है। हालांकि प्रोटेम स्पीकर कालीचरण सराफ ने कहा कि सबसे पहले नवनिर्वाचित विधायकों की शपथ होती है, उसके बाद ही इन सब विषयों पर चर्चा की जाती है, ऐसी परंपरा है।
कांग्रेस विधायकों ने बांधी काली पट्टी
संसद में विपक्षी सांसदों के निलंबन पर विरोध जताने के लिए पूर्व सीएम अशोक गहलोत, कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा और पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट सहित सभी कांग्रेस विधायक काली पट्टी बांधकर सदन में पहुंचे। डोटासरा ने शपथ लेने वाली डायस से ही सांसदों के निलंबन का विरोध किया। इस पर प्रोटेम स्पीकर कालीचरण सराफ ने खड़े होकर कहा कि इसकी अनुमति नहीं है। इसके बाद इसे सदन की कार्यवाही से निकाल दिया गया।
आठ विधायक नहीं पहुंचे शपथ लेने
बुधवार को सत्र के पहले दिन आठ विधायक अनुपस्थित रहने ने कारण शपथ नहीं ले पाये, जिनमें पांच भाजपा और 3 कांग्रेस विधायक हैं। भाजपा के तिजारा से विधायक महंत बालकनाथ, नदबई से विधायक जगत सिंह, बांदीकुई से विधायक भागचंद टाकड़ा, निंबाहेड़ा से विधायक श्रीचंद कृपलानी, वैर से बहादुर सिंह कोली तथा कांग्रेस के बागीदौरा से विधायक महेंद्रजीत मालवीय, दांतरमगढ़ के विधायक वीरेंद्र सिंह और रायसिंह नगर विधायक सोहनलाल नायक आज शपथ नहीं ले पाए।
राजस्थानी भाषा में शपथ लेने की अनुमति नहीं मिली
कई विधायकों ने राजस्थानी भाषा में शपथ लेने की कोशिश की, लेकिन नियमों का हवाला देकर प्रोटेम स्पीकर कालीचरण सराफ ने इसकी अनुमति नहीं दी। कोलायत विधायक अंशुमान सिंह भाटी को राजस्थानी में शपथ लेने पर सराफ ने टोका तो भाटी ने कहा कि नोटिस में डाला था, मेल किया था। विपक्षी विधायकाें ने टोका तो उन्होंने कहा कि राजस्थानी भाषा अपना गर्व है, आप ऐसे ही किसी को नहीं टोक सकते हो। इस पर सराफ ने नियमों का हवाला दिया, तब भाटी ने हिंदी में शपथ ली। सूरतगढ़ से कांग्रेस विधायक डूंगराराम गेदर ने भी राजस्थानी भाषा में शपथ लेने की मांग की, लेकिन प्रोटेम स्पीकर कालीचरण सराफ ने इसकी अनुमति नहीं दी। सराफ ने कहा कि आठवी अनुसूची में शामिल नहीं होने के कारण आप राजस्थानी में शपथ नहीं ले सकते। शिव से निर्दलीय विधायक रविंद्र सिंह भाटी ने राजस्थानी और हिंदी दोनों में शपथ लीl आसन से किरोड़ीलाल मीणा ने आपत्ति की और राजस्थानी में ली गई शपथ को रिकॉर्ड से डिलीट करने के आदेश दिए।
बीस से अधिक विधायकों ने संस्कृत में ली शपथ
आज बीस से अधिक विधायकों ने संस्कृत भाषा में शपथ ली है। गोपाल शर्मा, छगन सिंह, जोगेश्वर गर्ग, जोराराम कुमावत, नोक्षम चौधरी, जेठानंद व्यास, पब्बाराम विश्नोई, महंत प्रतापपुरी, बाबू सिंह राठौड़, दीप्ति माहेश्वरी, कैलाश मीणा, ने संस्कृत में शपथ ली। ये सभी भाजपा विधायक हैं। वहीं कांग्रेस के विधायक जुबेर खान और निर्दलीय विधायक युनूस खान ने भी संस्कृत में शपथ ली है।
बाइक से आए जेठानंद व्यास, गदा लेकर पहुंचे बालमुकुंदाचार्य
विधानसभा के पहले दिन विधायक निराले अंदाज में पहुंचे। जयपुर की हवामहल सीट से विधायक चुने गए बालमुकुंदाचार्य हनुमानजी की गदा लेकर विधानसभा पहुंचे, तो बयाना से निर्दलीय विधायक ऋतु बनावत ट्रैक्टर चलाकर विधानसभा पहुंची। वहीं, बीकानेर पश्चिम से विधायक जेठानंद व्यास बाइक पर विधानसभा आए। आदिवासी क्षेत्र से आने वाले कई विधायक आदिवासी वेशभूषा पहनकर विधानसभा पहुंचे। हवामहल से बीजेपी विधायक बालमुकुंदाचार्य गदा और नारियल लेकर विधानसभा पहुंचे। उन्होंने कहा कि नारियल लक्ष्मी, गदा शौर्य और कार्य का प्रतीक है।