भंवरी देवी कांड : पूर्व मंत्री महिपाल मदेरणा को नहीं मिली जमानत, सात को मिली राहत

भंवरी देवी कांड : पूर्व मंत्री महिपाल मदेरणा को नहीं मिली जमानत, सात को मिली राहत
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जयपुर। प्रदेश की राजनीति में भूचाल लाने वाले बहुचर्चित एएनएम भंवरी देवी अपहरण एवं हत्याकांड में मंगलवार को राजस्थान हाईकोर्ट में छह आरोपितों को जमानत मिल गई। वहीं पूर्व मंत्री महिपाल मदेरणा की जमानत याचिका पर सुनवाई नहीं हो पाई। इस पर अब 23 अगस्त को सुनवाई होगी।

बता दें की इस काण्ड में आरोपी पहले परसराम विश्रोई को सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिल चुकी है। ऐसे में इन लोगों की जमानत की आस भी बंध गई थी। महिपाल मदेरणा अभी कैंसर की बीमारी का इलाज कराने के लिए अंतरिम जमानत पर जेल से बाहर हैं।परसराम विश्नोई को 27 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट ने यह कहते हुए जमानत प्रदान की थी कि ट्रायल में विलम्ब होने के कारण किसी व्यक्ति को अनिश्चितकाल के लिए जेल में बंद नहीं रखा जा सकता है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि हम मानते हैं कि यह मामला बेहद गंभीर व जघन्य अपराध से जुड़ा है। लेकिन ट्रायल में हो रहे विलम्ब के कारण किसी आरोपित को अनिश्चितकाल के लिए जेल में बंद रखना उचित नहीं होगा।

सर्वोच्च न्यायालय के इस फैसले को आधार बना महिपाल मदेरणा, ओमप्रकाश, पुखराज, दिनेश, सहीराम, उमेशाराम व अशोक ने हाईकोर्ट में जमानत याचिका दायर की। मंगलवार को न्यायाधीश दिनेश मेहता ने इन जमानत याचिकाओं पर सुनवाई की। उन्होंने महिपाल मदेरणा के अलावा अन्य सभी को जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया। ये लोग करीब 10 साल बाद जेल से बाहर आएंगे। मदेरणा इन दिनों अपनी बीमारी के चलते इलाज कराने के लिए अंतरिम जमानत पर जेल से बाहर हैं। उनकी अंतरिम जमानत की अवधि 23 अगस्त को पूरी हो रही है।

ये है मामला -

उल्लेखनीय है कि जिले के बिलाड़ा थाने में अमरचंद नाम के एक व्यक्ति ने एक सितम्बर 2011 को रिपोर्ट दर्ज कराई कि उसकी पत्नी एएनएम भंवरी देवी लापता है। साथ ही उसने अपनी पत्नी के अपहरण की आशंका जताते हुए तत्कालीन राज्य सरकार में मंत्री महिपाल मदेरणा सहित दो-तीन लोगों पर शक जाहिर किया। इसके बाद यह मामला राजनीति में भूचाल लाने के साथ सुर्खियों में आ गया था।

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