एनआईए ने उदयपुर हत्याकांड में दर्ज की एफआईआर, गहलोत ने कहा - आतंक फैलाना था मकसद

एनआईए ने उदयपुर हत्याकांड में दर्ज की एफआईआर, गहलोत ने कहा - आतंक फैलाना था मकसद
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उदयपुर। केन्द्रीय गृह मंत्रालय की ओर से आदेश दिए जाने के बाद राष्ट्रीय जांच एजेन्सी (एनआईए) ने बुधवार को कन्हैयालाल तेली की हत्या के मामले में विभिन्न धाराओं में एफआईआर दर्ज की है। एनआईए ने गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) और अन्य धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है। एनआईए की टीम ने उदयपुर पहुंचने के बाद राजस्थान एटीएस से घटनाक्रम को लेकर साक्ष्य जुटाए हैं।

राजस्थान के उदयपुर में 28 जून को कन्हैयालाल तेली की हत्या की घटना में एनआईए ने जघन्य हत्या की साजिश रचने, साजिश रचने और उसे अंजाम देने वाले आरोपितों के खिलाफ 29 जून को आईपीसी की धारा 452, 302, 153 (ए), 153 (बी), 295 (ए) और 34 और गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम 1967 की धारा 16, 18 और 20 के तहत के मामला फिर से दर्ज किया है।

आतंक फैलाने के मकसद से हत्या -

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने उदयपुर हत्याकांड पर कहा की ये हत्या आंतक फैलाने के मकसद से की गई थी।हत्या में शामिल आरोपितों के अन्य देशों में भी संपर्क उजागर हुए हैं। गहलोत ने सभी पक्षों से शांति बनाए रखने की अपील करते हुए उदयपुर की घटना में शामिल आरोपितों की त्वरित गिरफ्तारी करने वाले पांचों पुलिसकर्मियों को आउट ऑफ टर्न प्रमोशन देने का फैसला किया है।

एटीएस पूर्ण सहयोग -

मुख्यमंत्री गहलोत ने उदयपुर की घटना पर बुधवार को उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक की। इसके बाद मुख्यमंत्री ने ट्वीट किया कि समीक्षा बैठक में पुलिस अधिकारियों ने उन्हें बताया कि प्रारम्भिक जांच में सामने आया है कि घटना प्रथम दृष्टया आतंक फैलाने के उद्देश्य से की गई है। दोनों आरोपितों के दूसरे देशों में भी संपर्क होने की जानकारी सामने आई है। उन्होंने लिखा कि वर्तमान हालात को देखते हुए पुन: अपील करता हूं कि सभी पक्ष शांति बनाए रखें। इस घटना में मुकदमा यूएपीए के तहत दर्ज किया गया है, इसलिए अब आगे की जांच एनआईए द्वारा की जाएगी, जिसमें राजस्थान एटीएस पूर्ण सहयोग करेगी। पुलिस एवं प्रशासन पूरे राज्य में कानून व्यवस्था सुनिश्चित करें एवं उपद्रव करने के प्रयासों पर सख्ती से कार्रवाई करें।

मुख्यमंत्री ने बताया कि पुलिस अधिकारियों के अनुसार प्रारम्भिक जांच में सामने आया कि घटना प्रथम दृष्टया आतंक फैलाने के उद्देश्य से की गई है। दोनों आरोपितों के दूसरे देशों में भी संपर्क होने की जानकारी सामने आई है। उदयपुर की घटना में शामिल आरोपितों की त्वरित गिरफ्तारी करने वाले पांच पुलिसकर्मियों तेजपाल, नरेन्द्र, शौकत, विकास एवं गौतम को आउट ऑफ टर्न प्रमोशन देने का फैसला किया है।

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