राजस्थान के मुख्यमंत्री ने स्वीकारा - कोरोना फैलाने के लिए नेता भी जिम्मेदार
कांग्रेस की एक चुनावी सभा में बिना मास्क लगाएं लोग
जयपुर। राजस्थान में तीन विधानसभा सीटों पर हो रहे उपचुनाव के लिए प्रचार का दौर खत्म होने के बाद अब मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कांग्रेस की अंतरिम सोनिया गांधी का नाम लेकर यह स्वीकारोक्ति की है कि कोरोना के लगातार बढ़ते संक्रमण में राजनेताओं की भी भूमिका है। गहलोत ने कोरोना के बढ़ते प्रकोप के बीच प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से पहले की तरह राज्यों से चर्चा करने की मांग की है। गहलोत ने सोशल मीडिया पर लिखा कि अब कोरोना का नया रूप प्रकट हुआ है और देश में भयावह स्थिति बनती जा रही है। लॉकडाउन और कर्फ्यू जैसे सख्त फैसले करने पड़ रहे हैं। प्रधानमंत्री जी को पूर्व की तरह राज्यों से विस्तार से चर्चा करनी चाहिए।
Congress president Smt. Sonia Gandhi has rightly said that we politicians are also to be blamed to some extent for the spread of Corona infection. Now a new Corona variant has appeared and there is frightening situation in the country.
— Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) April 16, 2021
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राजस्थान में उपचुनाव का प्रचार खत्म होने के बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने चुनावी भीड़ को लेकर चुनाव आयोग और न्यायपालिका पर सवाल उठाए हैं। गहलोत ने सोशल मीडिया पर ट्वीट के माध्यम से लिखा कि एक तरफ तो हम पब्लिक को कोविड प्रोटोकॉल फॉलो करने के लिए कहते हैं, दूसरी तरफ चुनावों में लाखों लोगों की रैलियां और रोड शो होते रहे। ऐसा सब बिहार चुनाव से ही हो रहा है। राजनेता चाहते तो वर्चुअल रैली जैसे विकल्पों का इस्तेमाल कर भीड़ इकट़ठा होने से रोक सकते थे।
चुनाव आयोग पर साधा निशाना -
गहलोत ने अदालतों और चुनाव आयोग पर निशाना साधते हुए लिखा कि न्यायपालिका और चुनाव आयोग भी अपनी जिम्मेदारी से नहीं बच सकते हैं। सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट ने राज्यों के विरोध के बावजूद पंचायतों और स्थानीय निकायों के चुनाव कराने के आदेश दे दिए। चुनाव आयोग अपने कर्तव्यों की पूर्ति मानते हुए चुनावों की घोषणा करता रहा। नेताओं ने जमकर प्रचार किया और भीड़ आती रही। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने ठीक कहा कि कोरोना संक्रमण फैलने के लिए हम राजनेता भी कुछ हद तक दोषी हैं।
वर्चुअल सभाओं का सुझाव -
मुख्यमंत्री ने सहाड़ा, राजसमंद और सुजानगढ़ सीटों के उपुचनाव का प्रचार खत्म होने के बाद वर्चुअल सभाओं का सुझाव देने के साथ चुनाव आयोग और अदालतों पर सवाल उठाए हैं। वर्चुअल सभाओं का प्रयोग राजस्थान में भी हो सकता था लेकिन भाजपा और कांग्रेस किसी ने इसका उपयोग नहीं किया। कोरोना का प्रकोप ज्यों-ज्यों बढ़ा, प्रचार का रंग भी उसी के साथ परवान चढ़ा। कांग्रेस और भाजपा नेताओं, मंत्रियों ने कोविड प्रोटोकॉल की धज्जियां उड़ाने में कोई कसर नहीं रखी। सभाओं में न दो गज दूरी की पालना दिखी, न मास्क का प्रयोग। उपचुनाव का प्रचार खत्म होने के बाद शुक्रवार को गहलोत के सुझावों को अब सियासी बताया जा रहा है।