राजस्थान सरकार ने राम दरबार द्वार पर चलाया बुलडोजर, विधानसभा में गूंजा मामला

राजस्थान सरकार ने राम दरबार द्वार पर चलाया बुलडोजर, विधानसभा में गूंजा मामला
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चूरू/जयपुर। राजस्थान के चूरू जिले में सालासर बालाजी मंदिर रोड पर स्थित स्थित सुजानगढ़ के प्रवेश द्वार और उस पर स्थापित 'राम दरबार' की प्रतिमा को बुलडोजर से गिराने का मामला जोर पकड़ता जा रहा है। इस मुद्दे की गूंज चूरू की सड़कों से लेकर विधासभा तक में सुनाई दी। इस मुद्दे को लेकर भारतीय जनता पार्टी कांग्रेस की अशोक गहलोत सरकार पर हमलावर है।

भाजपा के उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ और विधायक अशोक लाहौटी स्थगन प्रस्ताव के जरिए विधानसभा में ये मुद्दा उठाना चाहते थे, लेकिन विधानसभा अध्यक्ष ने अनुमति नहीं दी। अनुमति नहीं मिलने के बाद राठौड़ ने विधानसभा अध्यक्ष से कहा कि सालासर में राम दरबार की मूर्ति गिराए जाने पर स्थगन प्रस्ताव दिया था, उस पर चर्चा की अनुमति नहीं दी है।

विधानसभा अध्यक्ष ने नहीं दी अनुमति -

विधानसभा अध्यक्ष डॉ. जोशी ने राठौड़ को बीच में ही टोकते हुए कहा कि ये मुद्दा केंद्र सरकार से जुड़ा है। इसलिए इसपर विधानसभा में चर्चा नहीं हो सकती। भारत सरकार की संस्था और कॉन्ट्रैक्टर ही उस सड़क का काम कर रहा है। विधानसभा अध्यक्ष ने स्वीकार किया कि भगवान राम की मूर्ति वहां पर लगी हुई थी, उसे जिस तरह से गिराया गया, वह दुर्भाग्यूपर्ण है, नियमों में बंधा होने के कारण मैं इस सदन में इस पर चर्चा की अनुमति नहीं दूंगा।

ये है घटना -

बता दें की ये घटना 15-16 मार्च की रात की है। दरअसल यहां सालासर-सुजानगढ़ मार्ग फोर लें सड़क बनाए जाने का कार्य किया जा रहा है। इस मार्ग पर राम दरबार की मूर्तियों वाला पत्थर का बड़ा प्रवेश द्वार बना हुआ था। इस प्रवेश द्वार को सार्वजनिक निर्माण विभाग के ठेकेदार ने 15 मार्च को आधी रात बाद जेसीबी के जरिए ढहा दिया। प्रवेश द्वारा तोड़े जाने से पहले ठेकेदार द्वारा ना तो मूर्तियों को हटाया गया और न ही सालासर बालाजी मंदिर के पुजारियों को सूचना दी गई।

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