राजस्थान में राइट टू हेल्थ पर बवाल, जयपुर में डॉक्टर्स ने किया प्रदर्शन, पुलिस ने फेंका पानी
जयपुर। जयपुर में चिकित्सकों पर किए गये लाठीचार्ज से चिकित्सक समुदाय में आक्रोश है। प्राइवेट और सरकारी चिकित्सकों ने आक्रोश जताते हुए शहर के मुख्य मार्गो से रैली निकाली और पुलिस अधिकारी के बर्खास्त करने की सरकार से मांग की। इसी बीच पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को विधानसभा जाने से रोकने की कोशिश की। जिसमें दोनों पक्षों में झड़प हो गई। पुलिस ने वाटर कैनन चलाकर प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने की कोशिश की। एक दिन पहले भी डॉक्टर्स पर लाठीचार्ज हुआ था।इसके विरोध में डॉक्टरों ने काम बंद कर दिया है। डॉक्टर्स का आरोप है कि सरकार ने उनकी शर्तों और सुझावों को बिल में शामिल नहीं किया है। इस कारण यह पूरा बिल ही हेल्थ सिस्टम का विरोधी दिख रहा है।
सरकारी सेवारत चिकित्सक संघ के जिला अध्यक्ष विजय चौधरी ने बताया कि महिला चिकित्सकों पर पुरुष पुलिस वालों ने लाठीचार्ज किया। जिसकी चिकित्सक समुदाय और निंदा करता है। सरकार से मांग की जाती है कि वह तुरंत उन पुलिस अधिकारियों को बर्खास्त करें, जिनके आदेश पर यह कार्रवाई की गई थी। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ एससी मित्तल ने बताया कि राइट टू हैल्थ बिल का चिकित्सक निरंतर विरोध कर रहे हैं लेकिन सरकार हठधर्मिता पर पड़ी हुई है। जब तक सरकार हमारी मांगे नहीं मानेगी आंदोलन जारी रहेगा।
संघर्ष समिति के अध्यक्ष डॉ विजयपाल ने बताया कि चिकित्सक लगातार विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं इसके बावजूद सरकार ध्यान नहीं दे रही है। कल चिकित्सकों पर लाठीचार्ज किया गया। यह चिकित्सक हमेशा आमजन की सेवा करते हैं।उनके साथ ऐसा बर्ताव कभी बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।सरकारी चिकित्सकों के दो घंटे कार्य बहिष्कार के कारण ओपीडी के बाहर मरीजों की लाइन लग गई हालांकि इमरजेंसी में चिकित्सक मरीजों को देख रहे थे लेकिन बाकी के विभागों में चिकित्सक नहीं होने के कारण मरीज लाइन लगाकर चिकित्सकों का इंतजार करते रहे। दो घंटे के बाद चिकित्सक अपने काम पर वापस लौटे और मरीजों का इलाज किया।
मुख्यमंत्री गहलोत ने की अपील -
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि पीडि़त आमजन को न्याय दिलाने के लिये अगर उनको जेल जाना पड़ा या दोषी को जेल भेजना पड़ा तो कोई संकोच और गिला शिकवा नहीं होगा। उन्होंने आज संक्षिप्त यात्रा पर जोधपुर प्रवास पर पहुंचने पर एयरपोर्ट पर मीडिया से की बातचीत की। उन्होंने राइट टू हैल्थ बिल पर कहा कि डॉक्टर्स को जनता के हित में काम पर लौट आना चाहिए। उन्हें हड़ताल खत्म करनी चाहिए।उन्होंने संजीवनी क्रेेडिट कोऑपरेटिव सोसायटी घोटाले पर कहा कि पीड़ि़त लोगों को न्याय दिलाने के लिए जेल जाने और जेल भेजने को तैयार हूं। उन्होंने उक्त प्रतिक्रिया केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत के मानहानि मुकदमें पर दीं। उन्होने कहा कि जो पीडि़त मिलने आए थे उनकी आंखों में आंसू थे उनकी पीड़ा सुनकर हमारे भी आंसू आ गए।मुख्यमंत्री ने राइट टू हैल्थ बिल के विरोध में उतरे प्राईवेट अस्पताल संचालक डाक्टर्स और उनके समर्थन में सरकारी डॉक्टर्स और रेजिडेंटर्स के हड़ताल पर उतरने पर उनको जनता के हितार्थ हड़ताल खत्म कर काम पर लौटने की अपील की।