सचिन पायलट की जनसंघर्ष यात्रा में दूसरे दिन उमड़े लाखों समर्थक, गहलोत पर लगाए आरोप

सचिन पायलट की जनसंघर्ष यात्रा में दूसरे दिन उमड़े लाखों समर्थक, गहलोत पर लगाए आरोप
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यात्रा का दूसरा चरण शाम चार बजे बिड़ला स्कूल से दोबारा शुरू होगा।

जयपुर/वेबडेस्क। पेपरलीक और भ्रष्टाचार के खिलाफ पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट की जनसंघर्ष पद यात्रा के दूसरे दिन शुक्रवार को अपार जनसमूह और बड़ी संख्या में मौजूद समर्थकों के बीच यात्रा अगले पड़ाव के लिए रवाना हुई। शुक्रवार सुबह आठ बजे यात्रा की शुरुआत किशनगढ़ टोल प्लाजा से हुई। करीब 11 किलोमीटर की यात्रा पूरी करने के बाद बांदरसिंदरी की बिड़ला पब्लिक स्कूल के पास विश्राम हो गया है। दूसरे दिन की यात्रा का दूसरा चरण शाम चार बजे बिड़ला स्कूल से दोबारा शुरू होगा। इसके बाद विश्राम शाम 7 बजे गेजी मोड़ पड़ासौली में रहेगा।

वसुंधरा सरकार के कार्यकाल में हुए भ्रष्टाचार की जांच की मांग तथा पेपरलीक प्रकरण में सरकार की ढिलाई के खिलाफ निकाली जा रही पांच दिवसीय जन संघर्ष यात्रा में पायलट के साथ बड़ी संख्या में उनके समर्थक चल रहे हैं। पायलट की यात्रा का पहला चरण गुरुवार को पूरा हुआ था। पायलट रानीखेत एक्सप्रेस ट्रेन में सवेरे जयपुर से बैठे। दोपहर में अजमेर उतरे तथा वहां से आरपीएससी स्थित सभास्थल पहुंचे। यहां 40 मिनट तक संबोधन के बाद उन्होंने पौने दो बजे जयपुर कूच आरंभ किया। शाम सवा पांच बजे वे किशनगढ़ पहुंचे। यहां मुख्य चौराहे पर सभा करने के बाद उनका रात्रि विश्राम एक्सप्रेस वे पर तोलामाल गांव के बस स्टैंड पर हुआ। शुक्रवार सवेरे उन्होंने यहीं से यात्रा के दूसरे दिन की शुरूआत की।

इससे पहले रात में यहां हुई पत्रकार वार्ता में पायलट ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का नाम लिए बिना उन पर कटाक्ष किए। उन्होंने कहा कि मैंने जब अनशन किया तो वसुंधरा राजे के करप्शन के खिलाफ किया। मुझे समझ में नहीं आता कि यह पार्टी के अनुशासन को लांघने का केस कैसे बनता है? अनुशासन तोड़ने का काम तो 25 सितंबर को किया गया था, जब सोनिया गांधी के स्पष्ट आदेश थे और दोनों पर्यवेक्षक विधायक दल की बैठक करवाने आ रहे हैं। मुख्यमंत्री निवास पर बैठक रखने के बावजूद वह क्यों नहीं हो पाई? बाद में विधायकों ने इस्तीफे दिए।उन्होंने कहा कि हम सब चाहते हैं कि सरकार रिपीट हो। आप सब जानते हैं अमर्यादित भाषण कौन देता है? मैंने हमेशा सम्मान से बात की है। विरोध किया है तो बड़ी सभ्य भाषा का इस्तेमाल किया है। जो मुद्दे उठा रहे हैं आप उन्हीं पर आरोप जड़ दो और उन्हीं को टारगेट करो, इससे बेहतर तो यह होगा हमने जो कहा है उसे करके दिखाओ।

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