एक युवक ने लगाया गंभीर आरोप: गंजबासौदा सब जेल का आरक्षक करता है सूदखोरी का धंधा...

एक युवक ने लगाया गंभीर आरोप
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एक युवक ने लगाया गंभीर आरोप

युवक आरक्षक को 64 लाख 33 हजार रुपए के बदले दे चुका है 83 लाख 62 हजार रुपए आरक्षक की प्रताड़ना से तंग आकर युवक कर चुका आत्महत्या का प्रयास पुलिस व जेल के वरिष्ठ अधिकारियों से गुहार के बाद भी नहीं मिला न्याय

अमित शुक्ला, गंजबासौदा।

अभी कुछ दिन पूर्व भोपाल में परिवहन विभाग के पूर्व आरक्षक सौरभ शर्मा के घर करोड़ों रुपए मिलने का खुलासा हुआ था जो पूरे देश में चर्चा का विषय बना हुआ है। अभी यह मामला शांत भी नहीं हुआ। इस दौरान राजधानी से सटे विदिशा जिले की गंजबासौदा तहसील में स्थित बासौदा उपजेल में पदस्थ आरक्षक रामबाबू शर्मा पर एक युवक ने सूदखोरी का आरोप लगाया है। युवक ने आरक्षक से 64 लाख 33 हजार रुपए लिए थे, जबकि वह अलग-अलग किस्तों में 83 लाख 62 हजार रुपए वापस कर चुका है। इसके बावजूद आरक्षक ने युवक पर मूल रकम वापस करने का दबाव बनाया। आरक्षक की प्रताड़ना से तंग आकर युवक एक बार आत्महत्या का भी प्रयास कर चुका है। युवक ने पुलिस व जेल प्रशासन को कई बार आरक्षक की शिकायत की लेकिन अभी तक आरक्षक के खिलाफ मामला दर्ज नहीं किया गया।

क्या है मामला

गंजबासौदा निवासी अंकित दुबे की उप जेल में पदस्थ आरक्षक रामबाबू शर्मा से जान पहचान थी। कई बार वह नकद, ऑनलाइन लेनदेन कर चुका है। अंकित ने गल्ला व्यापार को बढ़ाने के लिए रामबाबू शर्मा से वर्ष 2024 में 64 लाख 33 हजार 500 रुपए दो रुपए प्रति सैंकड़ा ब्याज पर लिये थे। यह रकम रामबाबू ने अंकित को नकद व ऑनलाइन दी थी। इसके बदले अंकित दुबे, उप जेल में पदस्थ आरक्षक रामबाबू शर्मा को अलग-अलग किस्तों में अभी तक 83 लाख 62 हजार 124 रुपए वापस चुका है, इसके बावजूद आरक्षक ने अंकित को और रुपए देने के लिए जान से मारने की धमकी दी एवं लगातार प्रताड़ित करता रहा। प्रताड़ना से तंग आकर अंकित दुबे ने जहर पीकर आत्महत्या की कोशिश की लेकिन समय पर इलाज मिलने से वह बच गया। अंकित का आरोप है कि जब हमने अपने प्रॉफिट की राशि आरक्षक रामबाबू से मांगी तब आरक्षक ने यह कहकर रुपए देने से इंकार कर दिया कि यह पूरी राशि तो ब्याज की है अभी मूल रकम तो लेना बाकी है। अंकित के पास आरक्षक की हैंड राइटिंग में लिखित पूरा हिसाब किताब सहित अनेक फोन की कॉल रिकॉर्डिंग भी है।

जांच में निकल सकता है बड़ा घोटाला

अंकित दुबे ने पुलिस एवं जेल प्रशासन को लिखे शिकायती आवेदन में कहा है कि आरक्षक रामबाबू शर्मा के खातों में हुए ट्रांजेक्शन की जांच कराई जाए तो बड़ा घोटाला सामने आ सकता है। उसने सूदखोरी से कितने लोगों को अपने चंगुल में फंसाया और सूदखोरी का धंधा कब से चला रहा है। किन-किन अधिकारियों का आरक्षक को संरक्षण प्राप्त है। युवक अंकित ने जो शिकायती आवेदन दिए हैं उनमें बासौदा जेल के जेलर पद पर आसीन आलोक भार्गव का भी नाम विद्यमान है। हो सकता है इसीलिए सरकारी महकमा जांच व कार्यवाही में चुप्पी साधे हो।

इनका कहना है

पूरे मामले की जांच चल रही है जांच के उपरांत जो भी दोषी पाया जाएगा। उस पर वैधानिक कार्रवाई की जाएगी।

- रोहित काशवानी

पुलिस अधीक्षक, विदिशा

आरक्षक रामबाबू शर्मा और एक युवक के रुपयों के लेनदेन का मामला संज्ञान में है, जिसकी जांच चल रही है। मामले की जांच-पड़ताल के लिए प्रकरण जेल मुख्यालय भेजा गया है। जांच आने के बाद वैधानिक कार्रवाई की जाएगी।

- आलोक भार्गव

जेलर, गंजबासौदा, सब जेल

अंकित ने एसपी कार्यालय, लोकायुक् और जेल मुख्यालय को ये शिकायती आवेदन भेजा है।





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