छिंदवाड़ा कुआं हादसा: 3 मजदूरों की मौत के बाद प्रशासन का एक्शन, कुआं, बावड़ी के गहरीकरण के लिए अनुमति अनिवार्य
Chhindwara Well Accident : मध्य प्रदेश। छिंदवाड़ा कुंआ हादसे में तीन मजदूरों की मौत बाद जिला प्रशासन सख्त एक्शन लिया है। कलेक्टर शैलेंद्र सिंह (Collector Shailendra Singh) ने आदेश जारी किया है, जिसमें बिना अनुमति के कुएं और बावड़ी के गहरीकरण कार्यों पर रोक लगाई गई है। इन कार्यों के लिए अब अनुविभागीय अधिकारी से अनुमति लेना अनिवार्य कर दिया गया है।
ये है पूरा मामला
दरअसल, छिंदवाड़ा के ग्राम खूनाझिरखुर्द में एक पुराने कुएं का गहरीकरण किया जा रहा था। इसी दौरान अचानक कुएं की मिट्टी धंसी जिसमें 3 मजदूर मलबे में दब गए। घटना के बाद प्रशासन ने तुरंत रेस्क्यू ऑपरेशन (rescue operation) शुरू किया, जिसमें पुलिस बल, होमगार्ड और एनडीआरएफ (NDRF) की टीमों ने मिलकर बचाव कार्य शुरू किया। हालांकि, 24 घंटे से अधिक समय बीतने के बाद भी शवों को बाहर निकालने में कोई सफलता नहीं मिल पाई। सीएम डॉ. मोहन यादव (CM Mohan Yadav) ने इस घटना पर दुख जताया और मृतकों के परिवारों को 4-4 लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की।
पूर्व सांसद नकुलनाथ (Ex-MP Nakul Nath) और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ (Ex-CM Kamal Nath) ने भी इस दुखद घटना पर शोक व्यक्त किया है। नकुलनाथ ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (X Platform) पर लिखा कि यह घटना बेहद पीड़ादायक है, और उन्होंने दिवंगत आत्माओं की शांति और शोकाकुल परिवारजनों को संबल प्रदान करने की प्रार्थना की। वहीं, कमलनाथ ने भी दुख जताते हुए शोक व्यक्त किया और परिवारों को सांत्वना दी।
हादसे के बाद प्रशासन ने रेस्क्यू ऑपरेशन में आ रही मुश्किलों के बावजूद पूरी कोशिश की है। मजदूरों को निकालने के लिए जेसीबी (JCB) की मदद से खुदाई की जा रही है। पानी के रिसाव (water leakage) की समस्या के चलते रेस्क्यू ऑपरेशन में और भी कठिनाइयाँ आ रही हैं। फिलहाल, प्रशासन पूरी कोशिश कर रहा है कि सभी शवों को बाहर निकाला जा सके।
इस घटना के बाद प्रशासन ने गहरीकरण कार्यों को लेकर नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं ताकि भविष्य में ऐसी कोई घटना न हो। अब बिना उपयुक्त अनुमति के कुएं या बावड़ी के गहरीकरण के कामों को नहीं करने दिया जाएगा। यह कदम भविष्य में होने वाली दुर्घटनाओं को रोकने के लिए उठाया गया है।