रायपुर नगर निगम की लापरवाही: सीवरेज गड्ढे में गिरे 3 मासूम, एक की मौत ; परिजन बोले- शिकायत के बाद भी नहीं किया बंद

Update: 2025-04-13 18:30 GMT
सीवरेज गड्ढे में गिरे 3 मासूम, एक की मौत ; परिजन बोले- शिकायत के बाद भी नहीं किया बंद
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Raipur Children Fell in Sewerage Pit : छत्तीसगढ़। रायपुर के गुलमोहर पार्क कॉलोनी में एक दिल दहला देने वाली घटना ने हर किसी को झकझोर दिया। रविवार को सीवरेज टैंक के गड्ढे में तीन मासूम बच्चे डूब गए, जिसमें 7 साल के दिव्यांश कुम्हार की दुखद मौत हो गई। यह गड्ढा नगर निगम की ओर से खोदा गया था, लेकिन लापरवाही के कारण यह मासूमों के लिए मौत का जाल बन गया। घटना गुढ़ियारी थाना क्षेत्र की बताई जा रही है।

जानकारी के अनुसार, हादसा ईडब्ल्यूएस कॉलोनी, गुलमोहर पार्क, रामनगर में हुआ। तीन बच्चे, जो 5 से 7 साल की उम्र के थे, खेलते वक्त गड्ढे में गिर गए। स्थानीय लोगों की मदद से दो बच्चों को किसी तरह बचाया गया और उन्हें अस्पताल भेजा गया, लेकिन दिव्यांश की जान नहीं बच सकी।

पीड़ित परिवार के लिए मुआवजे की मांग

इस घटना से आक्रोशित लोगों ने नगर निगम के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी। वे मुआवजा और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। लोगों का कहना है कि गड्ढे को खुला छोड़ना और कोई चेतावनी न लगाना सीधे-सीधे निगम की लापरवाही है। बच्चे के परिजन का कहना है कि, खुले हुए सीवरेज की शिकायत की गई लेकिन प्रशासन ने इस पर ध्यान नहीं दिया।

स्थानीय निवासियों के अनुसार, सीवरेज लाइन डालने के लिए खोदा गया यह गड्ढा पाइपलाइन लीकेज के कारण पानी से भर गया था। बच्चों के खेलते वक्त यह हादसा हुआ। गड्ढे को ढकने या चेतावनी बोर्ड लगाने की कोई व्यवस्था नहीं की गई, जो इस त्रासदी की मुख्य वजह बनी। इस हादसे के बाद प्रशासन की लापरवाही को लेकर सवाल उठ रहे हैं।

तहसीलदार प्रवीण परमार ने इस मामले पर कहा कि, प्रशासन बच्चे के परिवार के साथ है। जो सहायता राशि है उसे तत्काल प्रभाव से दे रहे। बाउंड्री वॉल, सीवरेज जैसी कुछ मांगें हैं उस पर निगम अमला, प्राशसनिक अमला ध्यान दे रहा है। तुरंत तो ये नहीं बन सकता लेकिन इसे 1-2 दिन में निश्चित ही पूरा कर लेंगे।

बता दें कि, यह पहली बार हादसा नहीं हुआ है, इससे पहले 12 अप्रैल 2025 को शनिवार की रात छत्तीसगढ़ नगर स्थित शीतला मंदिर के पास भी एक समान हादसा हुआ। एक 3 साल का बच्चा खुले गड्ढे में गिर गया, जो निगम ने ही खोदा था।

गंदे पानी की शिकायत के बाद खोदा गया यह गड्ढा भी बिना सुरक्षा के छोड़ दिया गया था। सौभाग्य से, एक बाइक सवार ने बच्चे को डूबते देखकर तुरंत उसे बचाया। यह घटना सीसीटीवी में कैद हो गई, जो निगम की लापरवाही को उजागर करती है।

दोनों घटनाओं ने नगर निगम की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए हैं। लोग मुआवजा और दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। प्रशासन से अपील की जा रही है कि सभी खुली जगहों पर तत्काल सुरक्षा व्यवस्था की जाए, ताकि भविष्य में ऐसा न हो। दिव्यांश के परिवार का दर्द और कॉलोनीवासियों का गुस्सा इस बात का गवाह है कि लापरवाही कितनी भारी पड़ सकती है। 

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