Bangladeshi Monks Stopped: बांग्लादेश के 63 भिक्षुओं को भारत में प्रवेश करने से रोका, अधिकारी बोले सुरक्षा का खतरा

Update: 2024-12-02 06:51 GMT

प्रतीकात्मक चित्र

63 Bangladeshi Monks Stopped from Entering India : बांग्लादेश के अधिकारियों ने बेनापोल लैंड इमिग्रेशन चेक पोस्ट 63 से ज्यादा बांग्लादेशी भिक्षुकों को भारत में प्रवेश करने से रोक दिया। कोलकाता में इंटरनेशनल सोसाइटी फॉर कृष्णा कॉन्शियसनेस (ISKCON) के प्रवक्ता ने दावा किया कि बांग्लादेश के बेनापोल लैंड पोर्ट पर 63 से अधिक भिक्षुओं को रोक दिया गया और उन्हें भारत में प्रवेश नहीं करने दिया गया।

सभी के पास था वैध वीजा

राधारमण दास ने कहा, हमें खबर मिली कि शनिवार और रविवार को बांग्लादेश की ओर से बेनापोल सीमा पर 63 से अधिक ब्रह्मचारी आए। उन सभी के पास वैध वीजा था और वे भारत में प्रवेश करना चाहते थे। हालांकि बांग्लादेश के अधिकारियों ने उन्हें बताया कि भारत उनके लिए सुरक्षित नहीं है और उन्हें भारत में प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी।

इस बीच सभी की निगाहें बांग्लादेश की शीर्ष अदालत पर टिकी हैं। सोमवार को हिंदू भिक्षु चिन्मय कृष्ण दास (Chinmay Krishna Das) को पेश किया जाना है। सम्मिलितो सनातनी जागरण जोत के नेता चिन्मय कृष्ण दास को 25 नवंबर को बांग्लादेश पुलिस ने गिरफ्तार किया था। इसके अगले दिन चटगांव की एक अदालत ने उन्हें जमानत देने से इनकार कर दिया और देशद्रोह के मामले में जेल भेज दिया।

अब तक चार ब्रह्मचारी जेल में

चिन्मय दास की गिरफ़्तारी के बाद के दिनों में दो और हिंदू भिक्षुओं रंगनाथ श्यामसुंदर दास ब्रह्मचारी और रुद्रपति केशव दास ब्रह्मचारी को बांग्लादेश पुलिस ने पुंडरीक धाम से गिरफ़्तार किया। रिपोर्ट्स के मुताबिक, अब तक चार ब्रह्मचारी जेल में हैं। दो ब्रह्मचारी को तब गिरफ़्तार किया गया जब वे चिन्मय कृष्ण दास को दवा और प्रसाद देने गए थे। बताया जा रहा है कि, चिन्मय कृष्ण दास के सचिव को भी गिरफ़्तार किया गया है।

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