HMPV Case: बेंगलुरु में 8 महीने का बच्चा हुआ संक्रमित, भारत में HMPV का पहला मामला

Update: 2025-01-06 04:11 GMT

China New Virus

First case of HMPV virus in India : कोविड-19 महामारी से जूझने के बाद अब HMPV (ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस) वायरस ने चीन में दस्तक दी है। अब भारत में भी इसका पहला मामला सामने आया है। बेंगलुरु के एक अस्पताल में आठ महीने की बच्ची में HMPV वायरस का संक्रमण पाया गया है। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का कहना है कि इस वायरस का टेस्ट राज्य के लैब में नहीं हुआ है, लेकिन एक निजी अस्पताल में इसका मामला रिपोर्ट हुआ है। निजी अस्पताल की रिपोर्ट पर संदेह करने का कोई कारण नहीं है, क्योंकि इसे वैज्ञानिक तौर पर जांचा गया है।

HMPV वायरस का संक्रमण बच्चों में अधिक पाया जाता है और यह आमतौर पर सामान्य सर्दी-जुकाम जैसे लक्षण पैदा करता है। इस वायरस का पता लगने के बाद, स्वास्थ्य विभाग और चिकित्सा अधिकारियों ने इस पर गंभीरता से काम करना शुरू कर दिया है।

HMPV वायरस के लक्षण:

HMPV वायरस (Human Metapneumovirus) के लक्षण सामान्य सर्दी और फ्लू से मिलते-जुलते होते हैं। इसके सामान्य लक्षणों में खांसी, गले में घरघराहट, नाक बहना, गले में खराश और कभी-कभी बुखार भी शामिल हो सकता है। हालांकि, यह वायरस विशेष रूप से छोटे बच्चों और बुजुर्गों के लिए खतरनाक हो सकता है, और इनकी इम्यूनिटी कमजोर होने पर यह गंभीर संक्रमण का कारण बन सकता है।

इसके लक्षणों में सांस लेने में परेशानी, फ्लू जैसी बीमारी, और गले की समस्या शामिल हो सकती है।** विशेषज्ञों का कहना है कि यह वायरस कमजोर इम्यून सिस्टम वाले लोगों के लिए और भी खतरनाक हो सकता है, और अगर इसका समय पर इलाज नहीं किया जाए तो यह गंभीर समस्या पैदा कर सकता है।

दिल्ली में HMPV वायरस से जुड़ी एडवाइजरी जारी:

भारत में इस वायरस के मामले बढ़ने की संभावना को देखते हुए, दिल्ली के मेडिकल ऑफिसर्स ने इस वायरस से जुड़ी चुनौतियों से निपटने के लिए एडवाइजरी जारी की है। हेल्थ सर्विस की डायरेक्टर जनरल, डॉ. वंदना बग्गा ने रविवार को मुख्य जिला चिकित्सा अधिकारियों के साथ बैठक की, जिसमें दिल्ली में सांस से जुड़ी बीमारियों से निपटने की तैयारियों पर चर्चा की गई।

अस्पतालों को यह निर्देश दिए गए हैं कि वे इन्फ्लूएंजा जैसी बीमारियों के मामलों की जानकारी तुरंत IHIP पोर्टल के जरिए भेजें। इसके साथ ही संदिग्ध मामलों के लिए सख्त आइसोलेशन प्रोटोकॉल लागू करने की सलाह दी गई है ताकि वायरस के फैलने को रोका जा सके।

अस्पतालों को यह भी निर्देश दिया गया है कि वे SARI (Severe Acute Respiratory Infection) के मामलों और लैब से पुष्ट किए गए इन्फ्लूएंजा मामलों का उचित डॉक्यूमेंटेशन बनाए रखें। इसके अलावा, हल्के लक्षण वाले मामलों का इलाज पैरासिटामोल, एंटीहिस्टामाइन, ब्रोन्कोडायलेटर्स और कफ सिरप जैसे सामान्य उपचारों से करने का सुझाव दिया गया है।

HMPV वायरस से बचाव के उपाय:

वायरस के प्रसार को रोकने के लिए सभी लोगों को सामान्य स्वच्छता और सावधानी बरतने की आवश्यकता है, जैसे कि हाथों को अच्छे से धोना, खांसते और छींकते समय मुंह और नाक को ढकना, और संक्रमित व्यक्तियों से दूरी बनाए रखना। इसके अलावा यदि किसी को बुखार, गले में खराश या सांस लेने में परेशानी हो, तो उसे चिकित्सकीय सलाह लेने की सलाह दी जाती है।




 


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