लंदन। तालिबान के हमले में घायल पाकिस्तानी मानवाधिकार कार्यकर्ता मलाला यूसुफजई की हालत में तेजी से सुधार हो रहा है और वह पहली बार लोगों की मदद से खड़ी होने में सक्षम हुई है हालांकि ब्रिटेन के अस्पताल में उसका इलाज कर रहे डॉक्टरों का कहना है कि उसे अभी भी खतरे से बाहर नहीं कहा जा सकता है| चिकित्सा निदेशक ने बताया कि सिर में गहरा जख्म होने के बावजूद अब लिखने में सक्षम है। उन्होंने कहा, 'उसका घाव बहुत गंभीर है, लेकिन सहारा मिलने पर वह पहली बार खड़ी हो सकी।' डॉक्टरों का कहना है कि मलाला बोलने में समर्थ नहीं है क्योंकि उसकी ट्रैकिओस्टोमी की गई है ताकि वह अपने गले में डाले गए ट्यूब की मदद से सांस ले सके। मलाला को इलाज के लिए पाकिस्तान से बर्मिघम के अस्पताल में लाया गया था। उस पर हमले की विश्व भर में निंदा की गई है।