मुझे मत बताओ कब लेना है संन्यास: सचिन

Update: 2012-03-23 00:00 GMT


 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

नई दिल्ली। हमेशा शांत रहने वाले मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंडुलकर इस वक्त काफी गुस्से में हैं। अपने रिटायरमेंट की अटकलों और अफवाहों से वह परेशान हैं। गुरुवार को अपने आलोचकों को उन्होंने करारा जवाब दिया। सचिन ने कहा, 'मेरे आलोचकों ने मुझे क्रिकेट नहीं सिखाया है। उन्हें इस बारे में कॉमेंट करने की जरूरत नहीं है।' वहीं सचिन ने कहा कि उन्हें 'महानतम' जैसे टाइटल अच्छे नहीं लगते। 


एशिया कप के दौरान 100वीं इंटरनैशनल सेंचुरी जड़ने वाले मास्टर बल्लेबाज ने कहा, 'जिस दिन भारत के लिए बल्लेबाजी करने के लिए जाते समय मुझे लगेगा कि मेरे अंदर क्रिकेट के प्रति जुनून कम हो रहा है उसी दिन मैं क्रिकेट छोड़ दूंगा। मेरे आलोचकों को रिटायरमेंट लेने की सलाह देने की जरूरत नहीं पड़ेगी।' तेंडुलकर ने कहा कि मैं क्रिकेट खेलता हूं क्योंकि मुझे यह अच्छा लगता है। भारत के लिए खेलने से बेहतर कुछ और नहीं हो सकता। रिटायरमेंट की बात मीडिया से छुपाने की कोई जरूरत मुझे महसूस नहीं होती है। पिछले 24 साल से मीडिया मेरे साथ है, ऐसे में उनसे कोई फैसला छुपाने का कोई मतलब नहीं है। 

उन्होंने कहा, 'आलोचना करने वाले कई सवाल उठा सकते हैं, लेकिन वे अपने ही सवालों का जवाब नहीं दे सकते। उनमें से कोई भी मेरी दशा को नहीं समझ पाएगा। यह नामुमकिन है कि वे जान लें कि मैं क्या सोच रहा हूं और कैसा महसूस कर रहा हूं।' 

जब उनसे पूछा गया कि क्या 100वीं सेंचुरी मारना सबसे कठिन था, तो तेंडुलकर ने कहा, 'इसमें कोई शक नहीं है। 100वीं सेंचुरी पूरी करना मेरे लिए सबसे कठिन रहा। मैं नहीं जानता कि ऐसा क्यों हुआ, लेकिन यही हुआ। शायद इसका कारण है कि इसे देश का जुनून बना दिया गया था। मैं इसके बारे में किसी से बात नहीं कर सकता था और इसने कहीं न कहीं मेरे अंर्तमन को भी प्रभावित किया। शायद ईश्वर मुझे ज्यादा मजबूत बनाने चाहते थे।' 




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