भारत ने किया परमाणु क्लबों की सदस्यता का दावा

Update: 2012-03-27 00:00 GMT


सोल। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा है कि दुनिया को परमाणु हथियारों से मुक्त बनाकर ही परमाणु सुरक्षा की बेहतर गारंटी दी जा सकती है। उन्होंने कहा है कि इसके लिए बहुपक्षीय फ्रेमवर्क बनाने की जरूरत है। प्रधानमंत्री ने भारत को न्यूक्लियर एलीट ग्रुप का सदस्य बनाए जाने की पुरजोर वकालत की।


प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने दूसरे परमाणु सुरक्षा शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा, 'भारत कभी भी न्यूक्लियर टेक्नॉलजी के प्रसार का स्रोत नहीं रहा है तथा हम उच्च अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप अपनी निर्यात नियंत्रण प्रणाली को और मजबूत करने को लेकर प्रतिबद्ध हैं।'

उन्होंने कहा, 'दुनिया को परमाणु हथियारों से मुक्त बनाने के लक्ष्य को पाने के लिए दुनिया के उन सभी देशों को प्रतिबद्धता दिखानी होगी, जिनके पास पहले से ही परमाणु हथियार हैं। इन देशों को बहुपक्षीय फ्रेमवर्क पर काम करना होगा। इस फ्रेमवर्क में उन सभी सिद्धांतों को शामिल करना होगा जिसके जरिए देश अपनी सुरक्षा मामले में परमाणु हथियारों को प्रमुखता देना कम करेंगे और पहले परमाणु हथियारों का इस्तेमाल करने पर रोक होगी।' 
उन्होंने इस संदर्भ में पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी का नाम भी लिया। उन्होंने कहा कि आज से 25 साल पहले भारत के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने दुनिया को परमाणु हथियारों से मुक्त बनाने के लिए एक ऐक्शन प्लान दिया था, जिसमें टाइम बाउंड फ्रेमवर्क बनाने की बात कही गई थी।

उन्होंने कहा कि भारत पहले ही परमाणु सप्लाई समूह (एनएसजी) तथा मिसाइल टेक्नॉलजी कंट्रोल सिस्टम (एमटीसीआर) के दिशानिर्देशों का पालन कर रहा है। 

सिंह ने कहा, 'अपने जैसे अन्य देशों की तरह भारत भी वैश्विक अप्रसार लक्ष्यों को बढ़ावा देने की क्षमता तथा इच्छा रखता है और इसके लिये हमारा मानना है कि अगला ताकिर्क कदम चार निर्यात नियंत्रित व्यवस्थाओं में भारत की सदस्यता है।' 

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