तीसरा देश नहीं सुलझा सकता कश्मीर मसला

Update: 2012-07-15 00:00 GMT

वाशिंगटन। भारत और पाकिस्तान के बीच दशकों से

विवाद का सबब बना जम्मू-कश्मीर का मसला दोनों देश आपस में ही सुलझा सकते हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने कहा कि कोई भी तीसरा देश इस विवादित और संवेदनशील मसले का समाधान नहीं दे सकता। भारत-पाक वार्ता का स्वागत करते हुए ओबामा ने कहा कि दोनों देशों की बातचीत में अमेरिका सहित किसी भी देश के दखल के लिए कोई गुंजाइश नहीं है। अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि दोनों देशों को अपनी जिम्मेदारियों को पूरा करना चाहिए। पूरी दुनिया स्थायी, समृद्ध और लोकतांत्रिक पाकिस्तान की चाहत रखती है। उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच तनाव को कम करने के लिए की जाने वाली हर बातचीत का अमेरिका स्वागत करता है। यह दक्षिण एशिया सहित पूरी दुनिया के लिए अच्छा होगा। ओबामा ने पाकिस्तान के राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी की भारत यात्रा को प्रोत्साहित करने वाला दौरा बताया। इससे दोनों मुल्कों के बीच कारोबार बढ़ा और पाकिस्तानियों व भारतीयों के बीच संबंधों में सुधार आया। उन्होंने कहा कि नई दिल्ली और इस्लामाबाद में द्विपक्षीय संबंधों को बढ़ावा देने के लिए किए जा रहे प्रयास बेहतर भविष्य की आस बढ़ाते हैं। ओबामा ने उम्मीद जताई कि जल्द ही भारतीय प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह भी पाकिस्तान का दौरा करेंगे। ओबामा ने अफगानिस्तान में भारत की भूमिका की भी सराहना की। उन्होंने कहा कि भारत ने अफगान पुलिस को प्रशिक्षण देने के साथ ही विकास को बढ़ावा दिया और अफगानियों के जीवनस्तर को सुधारा। भारत अफगानिस्तान के साथ रणनीतिक साझेदारी करने वाला पहला देश था। उन्होंने भारत के लोक प्रशासन को अफगानिस्तान के लिए मॉडल बताया। उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान में निजी क्षेत्र के निवेश के मामले में भी भारत ने बाजी मार ली। 

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