भारत पर भी टिप्पणी
इस रिपोर्ट में भारत पर भी टिप्पणी है. रिपोर्ट के अनुसार, "भारत हमेशा कहता आया है कि उसकी प्राथमिकता केवल न्यूनतम रक्षा ज़रूरतों की पूर्ति है. लेकिन भारत ने यह कभी साफ़ नहीं किया है कि यह ज़रूरतें हैं क्या. ना ही भारत ने कभी सीटीबीटी यानि समग्र परमाणु परीक्षण प्रतिबंध संधि पर दस्तख़त किए."
पाकिस्तानी सेना के अधिकारी बार-बार अपनी सरकार पर परमाणु क्षमताओं को बढ़ाने के लिए दबाव बना रहे हैं क्योंकि उनके अनुसार भारत भी ऐसा ही कर रहा है.इस रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्तान के भंडार में 90-110 परमाणु हथियार है. हालाँकि इस रिपोर्ट में यह संभावना भी जताई गई है कि पाकिस्तान के पास इससे ज़्यादा भी परमाणु हथियार हो सकते हैं.इस रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि यह तय नहीं है पाकिस्तान का अपनी क्षमताओं को बढ़ाने का प्रयास 2008 की भारत-अमरीका परमाणु संधि से कितना प्रभावित है.इस्लामाबाद ने इस मामले पर कभी अपनी नीति या सोच सार्वजानिक नहीं कि है लेकिन ऐसा माना जा सकता है कि पाकिस्तान का न्यूनतम परमाणु रक्षा कार्यक्रम भारत को उसके खिलाफ़ किसी भी तरह की सैन्य कार्रवाई करने के बारे में हतोत्साहित करने के लिए है.