वाशिंगटन | अफगानिस्तान में 11 साल से चले आ रहे युद्ध
वाशिंगटन | अफगानिस्तान में 11 साल से चले आ रहे युद्ध में पहली बार तालिबान ने अमेरिका और नाटो बलों पर सबसे विध्वंसक हमला कर बेहद उच्च सुरक्षा वाले सैन्य अड्डे में आठ लड़ाकू विमानों को नष्ट कर दिया। इस हमले के बाद पेंटागन में खतरे की घंटी बज गयी है। अफगानिस्तान में सबसे बड़े और बेहद सुरक्षित समझे जाने वाले हेलमंद प्रांत के कैंप बेस्टियन में 15 तालिबान लड़ाकों ने तीन टीमों के रूप में अमेरिकी सैनिकों की वर्दी पहन कर हमला किया।जानकारी के मुताविक यह हमला आधी रात के समय हुआ और आटोमैटिक राइफलों, राकेट लांचरों और आत्मघाती जैकेटों से लैस तालिबान टीमों ने एयरफील्ड के सबसे करीब की दीवार में सेंध लगायी और उसके बाद अपने लक्ष्यों की ओर बढ़ गए। वहां गोलीबारी करते हुए तालिबान लड़ाकों ने अड्डे पर खड़े नेवी एवी 8 बी हैरियर जेट्स को आग लगा दी और ईंधन भरने के तीन स्टेशनों को नष्ट कर दिया। त्वरित कार्रवाई के तहत इनका मुकाबला करने के लिए बलों को भेजा गया। अमेरिकी सैन्य सूत्रों ने बताया कि तालिबान टीम के लड़ाकों ने तीन घंटे से अधिक समय तक युद्ध किया और काबू पाए जाने से पूर्व उन्होंने विमान को बम से उड़ा दिया। अमेरिकी बयान में कहा गया है, ‘‘ छह एवी 8बी हैरियर लड़ाकू विमान नष्ट कर दिए गए और दो काफी क्षतिग्रस्त हो गए। तीन ईंधन भरने वाले स्टेशन भी नष्ट कर दिए गए। छह एयरक्राफ्ट हैंगर को भी कुछ नुकसान पहुंचा है।’’ अमेरिका ने इस हमले में 20 करोड़ डालर से अधिक का नुकसान होने का अनुमान लगाया है क्योंकि छह लड़ाकू विमानों की कीमत 23 लाख डालर से 30 लाख डालर के बीच मानी जा रही है। इस हमले में दो अमेरिकी मैरीन मारे गए तथा एक असैनिक ठेकेदार समेत गठबंधन सेना के नौ सैन्यकर्मी घायल हो गए।