नई दिल्ली । रविवार को राजधानी दिल्ली में संपन्न हुई पांचवी हाफ मैराथन दौड़ को भारतीय ब्रांड एंबेसडर बॉलीवुड अभिनेत्री बिपाशा बसु ने जवाहर लाल नेहरु स्टेडियम से हरी झंडी दिखाई। पुरूष वर्ग की रेस में केन्या के एडविन किपयेगो ने एक घंटे 55 सेंकेंड के समय के साथ एयरटेल दिल्ली हाफ मैराथन में जीत हासिल की। वहीं दूसरी तरफ महिला वर्ग की तो उसमें इथोपिया की यिमेर वुडे ने एक घंटा 11 मिनट और 10 सेंकेंड का समय लेकर दिल्ली हॉफ मैराथन जीता। विजेताओं को दिल्ली की मुख्यमंत्री श्रीमती शीला दीक्षित ने मेडल पहनाकर स्वागत किया। भारतीय पुरूषों की प्रतिस्पर्धा में राहुल कुमार पाल व भारतीय महिलाओं में शीर्ष स्थान पर सुधा सिंह रहीं। राहुल पाल ने 21 किलोमीटर की यह रेस एक घंटे 6.12 मिनट में जीता। दूसरे स्थान पर सेना के नतेंद्र सिंह रहे। नतेंद्र ने पाल की तुलना में दो सेकेंड अधिक समय लिया। इंद्रजीत पटेल तीसरे स्थान पर रहे। पटेल ने नतेंद्र से एक सेकेंड अधिक समय लिया। महिला वर्ग में ओलम्पिक खिलाड़ी सुधा सिंह ने एक घंटा 19.34 मिनट समय के साथ पहला स्थान पाया जबकि 2007 और 2008 में चैम्पियन रहीं कविता राउत एक घंटा 6.53 मिनट समय के साथ दूसरे स्थान पर रहीं। मौजूदा चैम्पियन ललिता बब्बर को तीसरे स्थान से संतोष करना पड़ा। ललिता ने एक घंटा 20.47 मिनट समय लिया। विदित हो कि यह पांचवीं एयरटेल दिल्ली हाफ मैराथन है। बीते चार संस्करणों की तुलना में इस बार रिकार्ड संख्या में लोग इस मैराथन में हिस्सा लिए। जवाहर लाल नेहरू स्टेडियम से शुरू हुई इस प्रतिष्ठित रेस में 30 हजार से अधिक धावको ने हिस्सा लिया है। इस मैराथन में कई विश्व स्तरीय एथलीट भी शामिल हुए। लंदन ओलंपिक में 800 मीटर दौड़ में विश्व रिकॉर्ड के साथ स्वर्ण पदक जीतने वाले केन्याई एथलीट डेविड रुदिशा इस दौड़ की ब्रांड एंबेसडर बनी, जबकि बॉलीवुड अभिनेत्री बिपाशा बसु इसकी भारतीय ब्रांड एंबेसडर है।
पुरषों की मुख्य रेस सुबह 6.30 बजे जबकि महिलाओं की मुख्य रेस 6.35 बजे शुरू हुई थी। इसी तरह ओपेन हाफ मैराथन की शुरुआत सुबह 6.40 बजे और व्हीलचेयर स्पर्धा की शुरुआत 7.30 बजे हुई। सीनियर सीटिजन रेस का आयोजन सुबह 7.35 बजे हुआ और ग्रेट दिल्ली रन का आयोजन सुबह 8.45 बजे से किया गया। आइएएएफ गोल्ड लेबल स्टेटस प्राप्त हाफ मैराथन के लिए 2,10,000 डॉलर की कुल पुरस्कार राशि रखी गई। इसके अलावा विश्व रिकॉर्ड कायम करने वाले एथलीटों को बोनस के तौर पर 25,000 और कोर्स रिकॉर्ड के लिए बोनस के तौर पर 10,000 डॉलर दिए गए। रेस को सफल बनाने के लिए दिल्ली यातायात विभाग के साथ स्वास्थ्य विभाग भी पूरी तन्मयता से लगे रहे। लोगों को किसी तरह की दिक्कत का सामना न करना पड़े इसके लिए दिल्ली यातायात पुलिस ने इसके लिए सार्वजनिक सूचना जारी कर रूट मैप जारी किया है और लोगों को रेस रूट से दूर रहने की सलाह दी थी। इतना ही नहीं किसी तरह की अप्रिय घटना को रोकने के लिए 800 सुरक्षाकर्मी और 1,000 वालंटियर काम पर लगे थे। रेस के दौरान सभी मेडिकल स्टेशनों पर 75 डॉक्टर, 50 फिजियो और 100 से अधिक नर्स तथा पैरामेडिक्स के लोग मौजूद थे। इसके अलावा सात डॉक्टर मोटरसाइकिल पर रेस रूट पर पेट्रोलिंग कर रहे थे।