धूमधाम से किया गणपति को विदा,अचलेश्वर की गणेश प्रतिमा रही आकर्षण का केन्द्र

Update: 2012-09-30 00:00 GMT


ग्वालियर |
गणेशोत्सव के अंतिम दिन अनन्त चतुर्दशी पर श्री गणेश को धूमधाम से विदा किया गया। भक्तगणों ने आकर्षक भजनों की धुनों पर ढोल-नगाड़ों के साथ नाचते हुए श्री जी को विदाई दी। शनिवार को सुबह से जारी हुआ श्री जी प्रतिमा का विसर्जन देर शाम तक जारी रहा।  गणपति के जयकारों के साथ भक्तगण नाचते हुए जा रहे थे। सुबह से ही श्री जी की प्रतिमाओं को विसर्जन के लिए विभिन्न जलाशयों पर ले जाने का सिलसिला जारी हो गया था। सड़कों पर श्री गणेश भक्त श्री गणेश की भक्ति में लीन थे। भजनों पर भक्तगण नाचते गुलाल उड़ाते हुए जलाशयों तक पहुंचे। सागरताल, जनकताल, तिघरा, सांक नदी पर श्री जी प्रतिमा विसर्जित करने ले जाने वालों की खासी भीड़ देखने को मिली। अचलेश्वर पर विराजित श्री जी का हुआ विसर्जन:- श्री अचलेश्वर सार्वजनिक न्यास के तत्वावधान में अचलेश्वर महादेव मंदिर पर विराजित 18  फुट ऊंची श्री जी प्रतिमा का विसर्जन भी शनिवार को किया गया।
शनिवार सुबह विधि-विधान से पूजा अर्चना संपन्न हुई। इसके बाद भगवान की आरती उतारी गई। आरती के पश्चात श्री जी प्रतिमा विसर्जन चल समारोह ठीक 11 बजे प्रारंभ हो गया। विसर्जन चल समारोह में न्यास के पदाधिकारी, सदस्यगणों सहित सैकड़ों की संख्या में भक्तगण उपस्थित थे। चल समारोह में भक्तों की एक टोली प्रसाद वितरित कर रही थी। एक टोली यातायात नियंत्रित करने में लगी थी तो एक टोली श्री जी की जय-जयकार कर रही थी। चल समारोह मंदिर से प्रारंभ होकर इन्दरगंज चौराहा, दालबाजार, लोहिया बाजार, ऊंट पुल, पाटनकर बाजार, दौलतगंज, महाराज बाड़ा, सराफा बाजार, गस्त का ताजिया, राम मन्दिर, छप्पर वाला पुल, शिन्दे की छावनी, जेल रोड, बहोड़ापुर होता हुआ सागरताल पहुंचा। यहां श्री जी प्रतिमा को क्रेन के माध्यम से विसर्जित किया गया। यातायात रहा प्रभावित:- श्री जी की प्रतिमाओं  के विसर्जन के कारण शहर का शायद ही ऐसा कोई मार्ग था। जिस पर श्री जी के भक्तों की भीड़ न हो। प्रतिमा विसर्जन चल समारोह ने सड़कों पर जाम लगा दिया। दिनभर राहगीर और वाहन चालक परेशान होते नजर आए। सर्वाधिक जाम की स्थिति महाराज बाड़ा, रॉक्सी पुल, इन्दरगंज, जयेन्द्रगंज, शिन्दे की छावनी, बहोड़ापुर, जनकगंज, हनुमान चौराहा, नई सड़क पर रही।  

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