नई दिल्ली। दिल्ली सामुहिक दुष्कर्म के बाद महिलाओं की सुरक्षा को लेकर कड़े कानून बनाने के लिए केन्द्र सरकार द्वारा गठित जस्टिस जे.एस. वर्मा समिति को दिल्ली सरकार के विधि विभाग ने भी कुछ सुझाव दिए हैं। इनमें महिलाओं के प्रति होने वाले जघन्य अपराधों के दोषियों को फांसी की सजा देने का प्रावधान करने का भी सुझाव शामिल है। इस संबंध में दिल्ली सरकार के विधि विभाग के आला अधिकारी जस्टिस वर्मा समिति के समक्ष अपने सुझाव लेकर पहुंचे। विधि विभाग ने नाबालिग की आयु सीमा 18 से घटाकर 16 वर्ष किए जाने का भी सुझाव दिया है। यह भी कहा गया है कि जघन्य अपराधों के मामलों में यह न्यायाधीश पर छोड़ा जाए कि किसे नाबालिग माना जाए और किसे बालिग। ऐसे में एक निर्धारित खाके के तहत इन अपराधों पर न्याय किया जाना संभव हो सकेगा।
दिल्ली सरकार के विधि विभाग ने वर्मा समिति को यह भी सुझाव दिया है कि मौजूदा कानून में किसी लड़की का पीछा करना संज्ञेय अपराध नहीं माना जाता, इसे भी अपराध मानकर दंड निश्चित किया जाना चाहिए। इसी तरह महिलाओं के मानसिक उत्पीड़न को भी संज्ञेय अपराध की श्रेणी में लाया जाए। गौरतलब है कि दिल्ली पुलिस भी चाहती है कि अपराधों के मामले में नाबालिग की आयु सीमा 18 के बजाय 16 वर्ष मानी जाए।