दो-तीन सप्ताह में कम हो जाएंगी प्याज की कीमत: शरद पवार

Update: 2013-10-24 00:00 GMT

नई दिल्ली।  प्याज की आसमान छूती कीमतें आम जनता को ही नहीं  सरकार के लिए मुसीबतों का सबब बनती जा रही है। प्याज को लेकर दिल्ली सरकार से लेकर केंद्र सरकार सकते में है। सरकार के ही दो मंत्री प्याज को लेकर अलग अलग बयान देते नजर आ रहे हैं। कृषि मंत्री शरद पवार ने राहत की बात करते हुए कहा कि प्याज की कमी अस्थायी है और जल्द ही दो तीन हफ्तों में इसकी कीमतें कम हो जाएंगी।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि प्याज की कमी अधिक बारिश के चलते खराब हुयी फसल की वजह से हुयी है। पवार ने बताया कि कर्नाटक और महाराष्ट्र में प्याज की फसले काफी खराब हुयी हैं जिसकी वजह से यह मुसीबत आ रही है लेकिन जल्द ही इससे निजात मिल जाएगी। इसके अलावा पवार ने प्याज की जमाखोरी की बात को नकार दिया है उनका कहना है कि जमाखोरी कहीं नहीं है।
वहीं दूसरी ओर वाणिज्य मंत्री आनन्द शर्मा का कहना है कि प्याज की जमाखोरी की वजह से ही प्याज की कमी हो रही है। शर्मा ने कहा कि देश में वास्तव में प्याज की कमी हो चुकी है।
इससे पहले इस मामले पर दिल्ली की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित ने केंद्रीय कृषि मंत्री शरद पवार और केवी थॉमस से मिलकर प्याज की बढ़ती कीमतों पर बात की थी। इस बैठक के बाद शीला ने कहा कि दिल्ली सरकार प्याज बेचना चाहती है। इसके लिए चुनाव आयोग से मंजूरी मांगी है। उन्होंने बताया की जमाखोरी से और फसल खराब होने से प्याज के दाम बढ़े हैं।
विपक्षी दल भाजपा ने इस मुलाकात को एकमात्र ढ़ोंग बताया है। प्याज एक चुनावी मुद्दा बनता जा रहा है। शरद पवार ने तो यहां तक कहा कि प्याज़ की कीमतों पर सरकार का कोई नियंत्रण नहीं है। इसके लिए पवार ने राज्य सरकारों को जिम्मेदार भी ठहराया है।


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