नई दिल्ली | सेवानिवृत्ति कोष का रखरखाव करने वाली संस्था ईपीएफओ के करीब पांच करोड़ ग्राहकों को उनके निवेश पर वर्ष 2012-13 के लिये 8.5 फीसदी की दर से ब्याज मिल सकता है। इससे पिछले वित्त वर्ष में संस्था ने 8.25 फीसदी ब्याज दिया था। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) ने अपनी सलाहकार संस्था वित्त एवं निवेश समिति (एफआईसी) के लिए तैयार नोट में कहा ‘‘2012-13 के लिए 8.5 फीसदी की ब्याज दर व्यावहारिक है।’’ ईपीएफओ के आकलन के मुताबिक 8.6 फीसदी की दर से ब्याज भुगतान से 240.49 करोड़ रुपए का घाटा होगा जबकि चालू वित्त वर्ष में भविष्य निधि जमा पर 8.5 फीसदी की दर से ब्याज देने से 4.13 करोड़ रुपए का अधिशेष रहेगा। ईपीएफओ ने अपने उपभोक्ताओं को 2011-12 के दौरान 8.25 फीसदी की दर से ब्याज मुहैया कराया था जो इससे पिछले वर्ष में दी गई 9.5 फीसदी की ब्याज दर से कम था।
सूत्रों के मुताबिक एफआईसी की बैठक में आज कर्मचारी संगठनों के नेताओं ने चालू वित्त वर्ष में ब्याज भुगतान के संबंध चर्चा करने से इन्कार कर दिया क्योंकि इस मामले के संबंध में एजेंडा नोट पहले मुहैया नहीं कराया गया था। यह नोट बैठक के दौरान ही पेश किया गया।
सूत्रों ने बताया कि अब ईपीएफओ का अनुमान उसकी शीर्ष निर्णय लेने वाली संस्था केन्द्रीय न्यासी बोर्ड (सीबीटी) के समक्ष 25 फरवरी को होने वाली बैठक में अंतिम मंजूरी के लिये प्रस्तुत किया जायेगा। भविष्य निधि जमा पर बयाज दर की घोषणा सरकार वित्त मंत्रालय के साथ मशविरा करने के बाद करती है।