पास कराने के लिए रुपए लेने का आरोप, जांच पूरी होने तक कर्मचारी निष्कासित

Update: 2013-04-02 00:00 GMT

ग्वालियर |  जीवाजी विश्वविद्यालय में सोमवार को एक छात्र ने विवि के ही एक कर्मचारी द्वारा पास कराने के नाम पर उससे पैसे लेने की शिकायत कुलसचिव से की। छात्र ने आरोप लगाया है कि 9 माह पहले इस कर्मचारी ने दो विषयों में पास कराने के लिए उससे 15 हजार रुपए लिए हैं। जो अब काम नहीं होने पर भी वापस नहीं लौटा रहा है।
जानकारी के अनुसार दोपहर लगभग 3.30 बजे छात्र अंकुर शर्मा कुलसचिव डॉ. आनंद मिश्रा के पास पहुंचा। अंकुर ने कुलसचिव श्री मिश्रा से परीक्षा विभाग में काम करने वाले दैनिक वेतन भोगी एक भृत्य राजेन्द्र सिंह पर दो विषयों में पास कराने के लिए 15 हजार रुपए लेने का आरोप लगाया। अंकुर का कहना था कि 9 महीने पहले उसने राजेन्द्र सिंह को अपनी बहन नर्सिंग छात्रा अनीता शर्मा को दो विषयों में पास कराने के लिए 15 हजार रुपए दिए हैं। अब उसके पास नहीं होने पर जब राजेन्द्र सिंह से रुपए मांगे जा रहे हैं तो वह वापस नहीं कर रहा है। इस मौके पर राजेन्द्र सिंह भी मौजूद था जिसने अपनी सफाई में कहा कि उसने  कोई पैसे ही नहीं लिए हैं।
इस मामले में कुलसचिव श्री मिश्रा ने काफी देर तक पूछताछ की लेकिन दोनों ही पक्ष आपस में उलझते रहे। मजेदार बात यह है कि इस मामले के कुछ देर बाद ही एक अन्य छात्र शैलेन्द्र सिंह भी कुलसचिव के पास पहुंचा और उसने भी कर्मचारी राजेन्द्र सिंह पर बीएससी नर्सिंग तृतीय वर्ष में कुछ विषयों में उत्तीर्ण कराने के लिए आठ हजार रुपए लेने का आरोप लगाया।
इन दोनों ही मामलों को गंभीरता से लेते हुए कुलसचिव श्री मिश्रा ने तीन सदस्यीय जांच समिति बना दी है। जांच समिति में परीक्षा नियंत्रक प्रो. सी.पी. शिंदे, डॉ. शांतिदेव सिसौदिया एवं सहायक कुलसचिव रविशंकर सोनवाल को शामिल किया गया है। वहीं जांच पूरी होने तक कर्मचारी को सेवा से निष्कासित भी कर दिया गया है। 

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