संविधान निर्माण का सच
भारत के संविधान के निर्माण के बारे में लोगों को कई जानकारियां नहीं हंै। सबसे बड़ी गलतफहमी तो यह है कि संविधान अकेले अम्बेडकर ने ही बनाया था, जबकि संविधान निर्मात्री समिति में सौ से भी ज्यादा, विद्वान, वकील समाजसेवी व समाज के अन्य क्षेत्रों के जाने-माने लोग शामिल थे। समिति के तहत कई उप समितियां बनाई गई थीं, जिसमें से एक ड्राफ्टिंग कमेटी के अध्यक्ष डॉ. अम्बेडकर थे।
अम्बेडकर की कमेटी ने संसार के प्रमुख प्रजातांत्रिक देशों के संविधानों का अध्ययन करके उनकी अनेक बातों को हमारे संविधान में शामिल किया। हमारे संविधान के आधार ब्रिटेन, फ्रांस, अमेरिका जैसे सफल व पुराने देशों के मौजूद संविधान थे। एक ओर बात खटकने वाली यह है कि संविधान सभा के अध्यक्ष डॉ. राजेन्द्रप्रसाद जैसे विद्वान थे, जिनको कोई श्रेय नहीं दिया जाता। भारतीय संविधान के निर्माण के समय बकायदा आम जनता से भी तरह-तरह की राय मांगी गई थी व लाखों लोगों ने लिखित में संविधान सभा को अपने विचार व सुझाव भेजे थे। सबसे मजेदार बात तो यह है कि प्रजातंत्र की जननी ब्रिटेन का संविधान अलिखित है, जिसे किसी एक व्यक्ति ने नहीं बनाया है और यही ब्रिटिश संविधान हमारे संविधान का मार्गदर्शक रहा था।
राजवीर सिंह, इन्दौर