धारा 144 के बीच जश्न-ए-जलसा,प्रशासन की अनुमति से तनावग्रस्त क्षेत्र में हुआ आयोजन

Update: 2013-04-28 00:00 GMT

ग्वालियर | गुरुवार 25 अप्रैल को हनुमान जयंती के अवसर पर बजरंग दल द्वारा निकाली गई धार्मिक रैली पर आपागंज क्षेत्र में मुस्लिम समुदाय के उपद्रवी तत्वों द्वारा पत्थर फेंके गए और हवा में गोलियां चलाई गईं। इस घटना से क्षेत्र में पसरे तनाव के बीच प्रशासन ने इस समुदाय के लोगों को बापू दंडी की गोठ में 'जश्ने जलसा कार्यक्रम के आयोजन की अनुमति दे दी।  खास बात यह रही कि क्षेत्र में तनाव और धारा 144 अभी तक जारी है। ऐसे में पुलिस की प्राथमिकता पथराव करने वाले असमाजिक तत्वों को गिरफ्तार कर क्षेत्र में शांति स्थापित करने की होना चाहिए, इसके बावजूद प्रशासन ने अविलंब इस समुदाय को शाम 4 बजे से रात्रि 10 बजे तक कार्यक्रम आयोजन की अनुमति प्रदान कर दी। जिससे क्षेत्र में सांप्रदायिक सौहार्द पुन: बिगडऩे जैसी स्थिति पैदा हुई।
गुरुवार को बजरंग दल की धार्मिक रैली में पथराव के बाद पसरा तनाव शनिवार तक शांत नहीं हो सका था। तनाव के चलते क्षेत्र में लगाई गई धारा 144 भी अभी हटाई नहीं गई थी। क्षेत्र में पुलिस बल तैनात रहा। ऐसे में एक समुदाय विशेष को पुलिस और प्रशासन द्वारा ऐसे कार्यक्रम के आयोजन की अनुमति दी गई जिसमें एक ही सम्प्रदाय के लोगों को एक स्थान पर एकत्रीकरण हुआ। तनाव पूर्ण माहौल में आरोपियों की गिरफ्तारी की ओर ध्यान न देकर पुलिस व प्रशासन द्वारा इस तरह के कार्यक्रम के आयोजन की अनुमति देना पुलिस की कार्यशैली पर प्रश्न चिन्ह लगाती है। उल्लेखनीय है कि प्रशासन और पुलिस दोनों से ही मुस्लिम समाज द्वारा इस कार्यक्रम की अनुमति गुरुवार के तनावपूर्ण घटनाक्रम के बाद ली गई।
 किसी क्षेत्र विशेष में धारा 144 लागू  रहते प्रशासन द्वारा अगर किसी कार्यक्रम आयोजन की अनुमति दी जाती है तो उसमें शोर-शराबा, हथियारों का प्रदर्शन नहीं करने जैसी कई शर्तें भी निहित रहती हैं। इसके बावजूद 'जश्ने जलसाÓ कार्यक्रम में अत्यधिक तेज ध्वनि वाले वाद्य यंत्रों का उपयोग कर कब्बाली गायी गईं और जश्न मनाया गया। तनाव ग्रस्त क्षेत्र में 'जश्ने जलसाÓ जैसा कार्यक्रम आयोजित किए जाने की सूचना मिलते ही बजरंग दल के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने एडीएम सत्येन्द्र सिंह को फोन लगाकर इस बात पर आपत्ति दर्ज कराई कि मुस्लिम समुदाय द्वारा भड़काऊ कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है और पुलिस व प्रशासन इसमें सहयोग कर रहा हैं। इस तरह की अपत्ति उन्होंने पुलिस के समक्ष भी दर्ज कराई।  पुलिस और प्रशासन दोनों का कहना था कि इस तरह का आयोजन मुस्लिम समाज द्वारा निरंतर आयोजित किया जाता रहा है। इस प्रकरण में स्थानीय पुलिस और प्रशासन का उदासीन रवैया इस बात से दिखाई पड़ा कि घटना के दूसरे ही दिन अर्थात शुक्रवार को इस संप्रदाय विशेष द्वारा धारा 144 के लागू रहते तनावग्रस्त क्षेत्र में सभा का आयोजन किया और पुलिस मूकदर्शक बनी तमाशा देखती रही। 

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