जनमानस

Update: 2013-07-06 00:00 GMT

सैनिकों को बार-बार नमन

भारतीय सेना ने फिर एक बार यह सिद्ध कर दिया है कि वह जनता की रक्षा अपने प्राणों की बाजी लगाकर करती है। जहां एक ओर शासन और प्रशासन संकट में घिरे लोगों के पास पहुंचने का कार्यक्रम ही बनाते रहे, हमारे सैनिक तुरंत उनके पास पहुंच गए। उन्होंने योजना नहीं कर्म को प्रमुखता दी। घटना स्थल पर पहुंचकर वहां की स्थिति के  अनुसार कार्य किया अपनी  जान की बाजी लगाकर यात्रियों की जान बचाई। जानें तो सेना ने ही बचाई। इसके लिए देशवासी इन वीर सैनिकों के प्रति आभारी हैं और उनका आदर करते हैं। बीस जवानों ने अपने प्राण भी न्यौछावर कर दिए जनता से अपील है कि वह आर्मी सेंट्रल वेलफेयर फण्ड, एयरफोर्स सेंट्रल वेलफेयर फण्ड को मुक्तहस्त से धन उपलब्ध कराएं। सरकारों द्वारा स्थापित फंडों की अधिकांश राशि पीडि़तों तक नहीं पहुंच पाती है। हमारे नेता खून देते नहीं है, खून लेते हैं जबकि सैनिक अपना खून देश और जनता को देते हैं। हमारे नेता तो उनसे प्रेरणा भी नहीं ले सकते और केवल हवाई सर्वे करते रहते हैं।
                       

                                                                             लालाराम गांधी नगर

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