बोधगया विस्फोट: जांच का जिम्‍मा संभाल सकती है एनआईए

Update: 2013-07-09 00:00 GMT

गया। बिहार के बोधगया मंदिर परिसर में हुए नौ सिलसिलेवार बम धमाकों की जांच में लगी बिहार पुलिस को अब तक कोई ठोस सुराग हाथ नहीं लगा है जिसके चलते यह पूरा मामला अब राष्ट्रीय जांच एजेंसी को सौंपा जा सकता है।
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक यदि बिहार में जांच दल को कोई ठोस सबूत हाथ नहीं लगता है तो इस ब्‍लास्‍ट की जांच का जिम्‍मा एनआईए के हवाले किया जा सकता है। बिहार पुलिस ने कल यह दावा किया था कि उसने एक व्‍यक्ति को महाबोधि मंदिर धमाकों के सिलसिले में गिरफ्तार किया है। वहीं इससे पहले, प्रशासन ने महाबोधि मंदिर एवं उसके आसपास के क्षेत्रों में हुए इन श्रंखलबाबद्ध बम धमाकों के सीसीटीवी फुटेज जारी किए। एनआईए ने भी कुछ फुटेज की मांग की है ताकिक वह अपने स्‍तर पर सबूत खंगाल सके।
घटना की शुरुआती जांच में यह बात निकल कर सामने आयी है कि महाबोधि मंदिर परिसर को निशाना बनाकर किए गए विस्फोटों में इस्तेमाल बमों में अमोनियम नाइट्रेट और सल्फर का मिश्रण था तथा इन्हें बड़ी सफाई से छोटे सिलेंडरों में लगाया गया था। विस्फोट स्थल से नमूने एकत्र करने वाली राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड(एनएसजी) की एक टीम ने केंद्रीय गृह मंत्रालय को एक रिपोर्ट भेजी है, जिसमें बताया गया है कि आईईडी जैसे कम तीव्रता वाले बमों का इस्तेमाल टाइमर के जरिए किया गया।
एनएसजी के विस्फोटों के बाद के विश्लेषण में यह भी कहा गया है कि अमोनियम नाइट्रेट, सल्फर आर पोटेशियम में कुछ छर्रे भी मिलाए गए थे ताकि मंदिर परिसर में विभिन्न स्थानों पर नुकसान किया जा सके। विस्फोटक छोटे सिलेंडरों में रखे गए थे जिनका वाणिज्यिक इस्तेमाल होता है। एनएसजी टीम इलाके से और नमूने एकत्र करने के बाद ही वहां से वापस लौटेगी।
एनआईए, राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड(एनएसजी) और अन्य एजेंसियां सिलसिलेवार बम धमाकों में बारे में सुराग ढूंढने में जुटी हैं। वहीं बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि राज्य सरकार इस बात का प्रस्ताव केंद्र को देगी कि वह केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) को इस धर्मस्थल की सुरक्षा संभालने के लिए कहे। इसके साथ ही मंदिर को अब आम लोगों के लिए खोल दिया गया है।
गौरतलब है कि बिहार में गया जिले के बोधगया स्थित 1,500 वर्ष पुराने महाबोधि मंदिर परिसर में रविवार सुबह नौ सिलेसिलेवार विस्फोट हुए, जिसमें पांच बौद्ध भिक्षु घायल हो गए। विस्फोटों से हालांकि मंदिर और भगवान बुद्ध की प्रतिमा को कोई नुकसान नहीं पहुंचा। घटना के बाद बोधगया तथा राज्य के अन्य संवेदनशील स्थानों पर सतर्कता बढ़ा दी गई है। इसके साथ ही तिब्बतियों के धर्मगुरू दलाई लामा की सुरक्षा को भी बढ़ा दिया गया है।

 

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