दिल्ली गैंगरेप मामले में नाबालिग आरोपी पर फिर फैसला टला

Update: 2013-08-19 00:00 GMT

नई दिल्ली। दिल्ली गैंगरेप मामले में नाबालिग आरोपी की सजा पर  एक बार फिर से ज्यूवेनाइल जस्टिस बोर्ड ने अपना फैसला टाल दिया है। फैसले के तहत बोर्ड अब 31 अगस्त को आरोपी की सजा पर अपना फैसला सुनायेगा। जयूवेनाइल जस्टिस बोर्ड की अध्यक्षता कर रही गीतांजलि गोयल ने नाबालिग आरोपी की सजा पर 31 अगस्त तक अपना फैसला सुरक्षित रखने का आदेश सुनाया। इसी बीच सुब्रहमण्यम स्वामी ने उच्चतम न्यायालय ने एक याचिका दायर कर किशोर शब्द की नये सिरे से व्याख्या किये जाने की मांग की है। जिस पर 14 अगस्त को सुनवाई के दौरान न्यायालय ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है। इसी के मद्देनजर बोर्ड ने अपना फैसला आगे की तारिख के लिए टाल दिया है।
11 जुलाई से लेकर अब तक चार बार बोर्ड नाबालिग आरोपी की सजा को लेकर अपना फैसला टाल चुका है। इससे पहले पांच अगस्त की सुनवाई के दौरान बोर्ड ने आज तक के लिए अपना फैसला सुरक्षित रखा था। वहीं इस आरोपी को लेकर देशभर में इस बात पर बहस छिड़ गई थी कि नाबालिग की उम्र सीमा 18 से घटाकर 16 कर दी जाए, लेकिन उच्चतम न्यायालय ने इस कानून में संशोधन करने से इनकार कर दिया। गौरतलब है कि 16 दिसंबर 2012 को राजधानी दिल्ली में चलती बस में 23 साल की छात्रा के साथ छह लोगों ने सामूहिक बलात्कार किया और फिर उसे मरा हुआ जानकर चलती बस से नीचे फेंक दिया था। 13 दिन तक जिंदगी की जंग लडऩे के बाद उसकी मौत हो गयी।

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