राजनीति में बढ़ गया है भ्रष्टाचार

Update: 2013-08-04 00:00 GMT

पूर्व मंत्री लक्ष्मीनारायण गुप्ता से स्वदेश की बातचीत

ग्वालियर | बदलते समय के साथ राजनीति के लगातार गिरते स्तर के बीच इस क्षेत्र में कुछ ही लोग ऐसे हैं जो अपनी स्वच्छ छवि के लिए आज भी जाने जाते हैं। ये वे लोग हैं जो जीवनभर राजनीति को एक सेवा कार्य समझकर ही करते रहे और मुसीबत में फंसे गरीब और असहाय व्यक्तियों की मदद को ही अपने जीवन का ध्येय बना लिया। एक ऐसी ही शख्सियत हैं पूर्व मंत्री लक्ष्मीनारायण गुप्ता।
मुख्यमंत्री सुन्दरलाल पटवा के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार में राजस्व मंत्री रहे 96 वर्षीय श्री गुप्ता लगातार वर्ष 1951, 56, 62,67 और 90 में शिवपुरी की पिछोर विधानसभा से विधायक रहे और आज भी वहीं रहकर जनसेवा कर रहे हैं। एक सामाजिक कार्यक्रम में ग्वालियर आए श्री गुप्ता ने स्वदेश से विशेष बातचीत में कहा कि आज राजनीति के क्षेत्र में भ्रष्टाचार बढ़ गया है और अब अधिकांश लोंगो ने इसे समाजसेवा नहीं बल्कि कमाई का जरिया बना लिया है। उनका मानना है कि राजनीति में आने से पहले ही व्यक्ति को अपनी सम्पत्ति का विवरण देना चाहिए। अपने राजनीतिक जीवन से जुड़ा एक ऐसा ही उदाहरण देते हुए वे बताते हैं कि वर्ष 1998 में धर्म परिवर्तन विधेयक प्रस्तुत किया जिसमें किसी भी भय के कारण धर्म परिवर्तन न करने की बात कही गई थी। उस समय उन्हें ईसाई मिश्नरियों की ओर से दो लाख रुपए का ऑफर दिया गया था, लेकिन उन्होंने उसे ठुकरा दिया।
पहली विधानसभा में ही चुनकर आए राष्ट्रपति द्वारा सम्मानित नन्नाजी के नाम से भी पहचाने जाने वाले श्री गुप्ता वीर विनायक दामोदर सावरकर, डॉ. श्यामाप्रसाद मुखर्जी और राजमाता विजयाराजे सिंधिया को अपना आदर्श मानते हैं। वे बताते हैं कि कांग्रेस में उनके स्व. माधवराव सिंधिया से अच्छे संबंध रहे हैं। वे बताते हैं कि श्री सिंधिया ने उन्हें कांग्रेस में शामिल होने का आमंत्रण भी दिया था। इसके साथ ही प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह और पिछोर से कांग्रेस विधायक केपी सिंह भी उन्हें काफी सम्मान देते हैं।

तीसरी बार मुख्यमंत्री बनेंगे शिवराज
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह की कार्यशैली की प्रंशसा करते हुए श्री गुप्ता कहते हैं कि आज वे जनआशीर्वाद यात्रा निकाल रहे हैं। इसका अच्छा परिणाम निकलेगा क्योकि जनता उन्हें पसंद करती है, वह अवश्य ही तीसरी बार मुख्यमंत्री बनेंगे। वे कहते हैं कि यदि केपी को पिछोर में मात देना है तो केवल वे ही इसे करके दिखा सकते हैं। या फिर उनके परिवार से उनकी नत बहू ज्योति या बेटे रमेश को चुनाव लड़ाया जाए तो भाजपा को अवश्य ही सफलता मिलेगी। 

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