मुजफ्फरनगर हिंसा के पीछे हो सकता है सियासी दलों का हाथ : शिंदे

Update: 2013-09-11 00:00 GMT

नई दिल्ली  और सांप्रदायिक हिंसा हो सकती है। उन्होंने संकेत दिया कि उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर दंगों के पीछे कुछ राजनीतिक दलों का हाथ हो सकता है। शिन्दे ने एक कार्यक्रम के दौरान  बताया, जब तक (मुजफ्फरनगर) हिंसा के बारे में मुझे पूरी रिपोर्ट नहीं मिल जाती, मैं राजनीतिक साजिश के बारे में कुछ नहीं कह सकता, लेकिन राजनीतिक दल शामिल हो सकते हैं। गृह मंत्री से सवाल किया गया था कि क्या मुजफ्फरनगर दंगों के पीछे कोई राजनीतिक साजिश थी।
मुजफ्फरनगर और आसपास के इलाकों में फैली हिंसा में अब तक 40 लोगों की जान जा चुकी है। शिंदे ने कहा कि केन्द्र सरकार 2014 के आम चुनाव से पहले संभावित सांप्रदायिक हिंसा को लेकर 11 राज्यों को पहले ही आगाह कर चुकी है। इन राज्यों से सतर्क रहने को कहा गया है।
उन्होंने कहा कि जैसे-जैसे चुनाव नजदीक आ रहे हैं, हमें इस तरह की और सांप्रदायिक हिंसा देखने को मिल सकती है। हमने 11 राज्यों को अलर्ट किया है। गृहमंत्री ने हालांकि मुजफ्फरनगर दंगों के लिए अखिलेश यादव के नेतृत्व वाली सपा सरकार को दोषी ठहराने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि अब हालात काफी सुधर गए हैं। उन्होंने बताया कि अर्धसैनिक बलों की 80 कंपनियां (8000 जवान) उत्तर प्रदेश में तैनात किए गए हैं। सेना भी तैनात की गई है। कर्फ्यू में अब ढील दी गई है। हालात सुधर रहे हैं।
मुजफ्फरनगर के कुछ हिस्सों में कर्फ्यू में ढील दी गई है। कर्फ्यू में ढील के दौरान कड़ी निगरानी की जा रही है। पुलिस और अर्धसैनिक बल ‘अलर्ट’ पर हैं। 

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