नए विवाद में फंसे वीके सिंह, सरकार ने दिए जांच के आदेश

Update: 2013-09-20 00:00 GMT

नई दिल्ली |  सेना के सीक्रेट फंड के दुरुपयोग का सनसनीखेज खुलासा होने के बाद पूर्व सेना प्रमुख जनरल वीके सिंह पर शिकंजा कसने का संकेत देते हुए सरकार ने कहा कि इस मामले में जांच के बाद दोषी पाए गए सभी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी, भले ही वे सेवा में हों अथवा सेवानिवृत्त हो गए हों।  सरकार का यह रुख सूचना और प्रसारण मंत्री मनीष तिवारी ने केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक के बाद  जाहिर किया। उन्होंने कहा कि सेना के बारे में इस इस खबर के तथ्य सरकार के संज्ञान में हैं और अगर पाया गया कि तथ्य सही हैं, तो जांच के बाद दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी, चाहे वे सेवा में हो या सेवा से रिटायर हो गए हों। सेना प्रमुख के रूप में जनरल वीके सिंह के कार्यकाल में गठित सैन्य गुप्तचरी की एक विशेष इकाई टीएसडी (टैक्नीकल सर्विसेज डिवीजन) के जरिए सीक्रेट फंड का दुरुपयोग किए जाने की रिपोर्ट आज उजागर हुई, जिसके अनुसार इस फंड को जम्मू-कश्मीर की सरकार को अस्थिर करने तथा सेना में उत्तराधिकार का पूरा क्रम बदलने के लिए किया गया था। दिलचस्प बात यह है कि 11 मार्च को सेना द्वारा रक्षा मंत्रालय को सौंपी गई यह रिपोर्ट ऐसे समय सामने आई है जब कुछ दिन पहले ही जनरल वीके सिंह रेवाडी में भारतीय जनता पार्टी के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी की रैली के मंच पर आए थे। रिपोर्ट जाहिर होने के इस समय की ओर इशारा किए जाने पर तिवारी ने कहा कि यह रिपोर्ट सरकार ने नहीं, बल्कि मीडिया ने सार्वजनिक की है।
मोदी के साथ मंच का साझा करने पर जनरल सिंह को निशाना बनाए जाने संबंधी आरोपों को सूचना एवं प्रसारण मंत्री ने बेबुनियाद, हास्यास्पद और अनर्गल बताया और कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा से जुडे संवदेनशील मामलों को राजनीतिक कसौटी नहीं कसा जाना चाहिए। 

Similar News