राष्ट्रविरोधी ताकतें हमारी एकता के लिए चुनौती: प्रधानमंत्री

Update: 2013-09-23 00:00 GMT

नई दिल्ली। राजधानी के विज्ञान भवन में आयोजित राष्ट्रीय एकता परिषद की बैठक में  प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने मुजफ्फरनगर दंगे के साथ साथ असम और किश्तवाड़ में हुयी सापंद्रायिक हिंसा पर भी गहरी चिंता जतायी। पीएम ने कहा इस तरह की हिंसा और दंगे हमारे राष्ट्रीय एकता के लिए चुनौती बनते जा रहे हैं।
एनआईसी की बैठक में सभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा मुजफ्फरनगर में जिस तरह की सांप्रदायिक हिंसा हुयी वह चिंताजनक है। जम्मू के किश्तवाड़ और असम ने भी इस तरह की हिंसा को झेला है। इसे देखते हुए देश में सामाजिक सद्भाव बनाये रखने की जरूरत है। मनमोहन सिंह ने कहा कि राष्ट्रविरोधी ताकतें हमारे एकता के लिए चुनौती हैं। इसके लिए स्थानीय प्रशासन को सक्रिय और मजबूत होना होगा। साथ ही यह भी कहा कि कुछ राष्ट्रविरोधी ताकतें फूट डाल रही हैं। उन्होंने कहा कि
दंगे के दोषियों को जल्द से जल्द सजा हो। और लोगों से अपील करते हुए कहा कि सांप्रदायिक हिंसा को राजनीतिक रंग ना दिया जाए। प्रधानमंत्री ने दलितों और आदिवासियों पर भी अत्याचार जारी रहने की बात को स्वीकारा। उन्होंने बताया कि तीन  साल में आदिवासियों पर हिंसा के 10000 मामले सामने आये है। मनमोहन ने कहा कि महिलाओं के साथ हो रही बदसलूकी, बलात्कार और हिंसा हमारे लिए शर्म की बात है।

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