दिग्विजय, शिंदे ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का नाम लेने का दबाव डाला: भावेश पटेल
नई दिल्ली | एक आश्चर्यजनक खुलासे में इस बात का पता चला है कि 2007 अजमेर दरगाह विस्फोट मामले के मुख्य आरोपियों में से एक भावेश पटेल ने आरोप लगाया है कि गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे, कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह समेत विभिन्न कांग्रेसी नेता उस पर उक्त विस्फोट मामले में संघ प्रमुख मोहन भागवत और इन्द्रेश कुमार का नाम लेने का दबाव डाल रहे हैं। सीबीआई अदालत के नाम अपने आवेदन में भावेश पटेल ने आरोप लगाया कि मुरादाबाद निवासी आचार्य प्रमोद कृष्णन ने उसकी दिग्विजय सिंह, सुशील कुमार शिंदे, आर.पी.एन. सिंह और कोयला मंत्री श्रीप्रकाश जायसवाल से मुलाकात की व्यवस्था की। ये सभी कांग्रेस नेता चाहते थे कि मैं संघ को विस्फोट मामले में फंसा दूं।
मीडिया रिपोर्टो के अनुसार सबसे ज्यादा चौंकाने वाला पहलू यह है कि राष्ट्रीय जांच आयोग (एनआईए) के अधिकारियों ने भी आरोपी पर दबाव डाला। इससे पता चलता है कि सुरक्षा एजेंसियों का प्रयोग कर कांग्रेस न केवल कानून के साथ खिलवाड़ कर रही है बल्कि संघ नेताओं को फंसाने का प्रयास कर रही है।
रिपोर्ट के अनुसार अपने नेताओं का नाम आने के बाद कांग्रेस अपनी गलतियों को छुपाने और सत्ता में बने रहने के लिए ओछी राजनीति कर रही है। रिपोर्ट के अनुसार पटेल के वकील भूपेन्द्र सिंह चौहान का कहना है कि गुरुवार को पटेल यही बयान अदालत में देंगे। एनआईए की चार्जशीट के अनुसार पटेल पर अजमेर दरगाह में बम लगाने में सहायता करने का आरोप है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार पटेल ने बताया कि नवंबर, 2012 में कृष्णन ने अपने आश्रम में उसकी मुलाकात दिग्विजय सिंह से कराई थी। पटेल ने बताया कि उसने दिग्विजय को मामले की जानकारी दी।दिग्विजय ने पटेल से कहा कि चिंता मत करो और जैसा मैं कहता हूं वैसा करो।
पटेल ने आरोप लगाया कि कृष्णन ने बाद में उसकी मुलाकात आरपीएन सिंह और जायसवाल से कराई जिन्होंने उससे कहा कि दिग्विजय सिंह ने उन्हें मामले से अवगत करा दिया है। अगर हमारी बात मानोगे तो तुम्हें आजाद कर दिया जाएगा। पटेल ने दावा किया कि कृष्णन उसे दिल्ली में एक जगह ले गए जहां शिंदे मौजूद थे।
पटेल ने आरोप लगाया कि सुशील कुमार शिंदे ने उससे कहा कि जब तुम्हें अदालत लाया जाए तो उस समय तुम मोहन भागवत और इन्द्रेश कुमार का नाम लेना और कहना कि उनके निर्देश पर तुमने अजमेर दरगाह विस्फोट की योजना तैयार की। भावेश पटेल ने खुलासा किया कि अपनी अंतरात्मा की आवाज सुन कर उसने संघ का नाम नहीं लेने का निर्णय लिया। संघ के राम माधव ने मीडिया से कहा कि शुरुआत से ही संघ कहता आ रहा है कि हिंदू संगठनों के खिलाफ षडयंत्र रचा जा रहा है। संघ इस मामले की निष्पक्षता से जांच कराने की मांग करता है।