नई दिल्ली | सजायाफ्ता नेताओं के चुनाव लड़ने पर रोक बरकरार रहेगी। सुप्रीम कोर्ट ने सरकार की इस मसले पर दायर पुनर्विचार अर्जी खारिज कर दी है। सुप्रीम कोर्ट ने आपराधिक मामले में दोषी पाए गए सांसदों और विधायकों को अयोग्य ठहराने के अपने फैसले पर पुनर्विचार की केंद्र की याचिका खारिज कर दी है। सुप्रीम कोर्ट हिरासत में बंद लोगों के चुनाव लडने पर पाबंदी संबन्धी अपने फैसले की समीक्षा करने को राजी हो गया है।
सुप्रीम कोर्ट ने इस फैसले के बाद दो साल या ज्यादा की सजा होते ही सांसद या विधायक की सदस्यता छीने जाने का आदेश बरकरार रहेगा। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने अपने उस फैसले सरकार की एक और पुनर्विचार याचिका को मान लिया है जिसमें जेल में रहते हुए किसी नेता के चुनाव लड़ने पर प्रतिबंध लगाया गया था।
गौर हो कि पिछले महीने की 10 और 11 तारीख को सुप्रीम कोर्ट ने जन प्रतिनिधियों से जुड़े दो अहम मामलों में ऐतिहासिक फैसले दिए थे। 10 जुलाई के फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि किसी भी मामले में कोई भी कोर्ट अगर किसी सांसद को दो साल से अधिक की सजा सुनाती है तो सांसद भले उस सजा के खिलाफ ऊपरी अदालत में अपील करे, उसकी सदस्यता तत्काल प्रभाव से रद्द हो जाएगी।