चेन्नई | पूर्व केंद्रीय मंत्री एमके अलागिरी ने खुद को निलंबित किए जाने के द्रमुक के फैसले से हतप्रभ होकर आरोप लगाया कि पार्टी में लोकतंत्र खत्म हो गया है।
अलागिरी ने सवाल पूछा कि उनके छोटे भाई एमके स्टालिन के उन समर्थकों के खिलाफ ने कोई कार्रवाई क्यों नहीं की गई, जिन्होंने उनके समर्थन में पोस्टर लगाए और पार्टी के भावी अध्यक्ष के तौर पर उनका स्वागत किया। अलागिरी ने कहा कि उनके पिता एम करुणानिधि के नेतृत्व वाली पार्टी में अंदरूनी चुनावों के संबंध में पार्टी के कुछ कार्यकर्ताओं की ओर से लगाए गए कुछ आरोपों के संबंध में न्याय मांगने के लिए उन्हें पुरस्कृत किया जा रहा है। द्रमुक नेता ने कहा कि उन्होंने यह मामला पार्टी आलाकमान के समक्ष उठाया था, जिन्होंने जांच का वादा किया था, लेकिन कुछ नहीं किया। अलागिरी ने कहा कि पार्टी में लोकतंत्र खत्म हो गया है। 31 जनवरी को मैं मदुरै में संवाददाता सम्मेलन करूंगा और (अंदरूनी चुनाव में कथित अनियमितताओं के बारे में) सबूत दूंगा।
उन्होंने कहा कि अगर उनके समर्थन में पोस्टर लगाना गलत है, तो स्टालिन और उनके समर्थकों के मामले में भी ऐसा ही किया जाना चाहिए।
अलागिरी से पूछा गया कि उनके भाई के समर्थकों के खिलाफ कोई कार्रवाई क्यों नहीं की गई। उन्होंने कहा कि मेरे समर्थन में पोस्टर लगाना गलत है, वह (स्टालिन के समर्थक) उन्हें भावी मुख्यमंत्री और पार्टी का भावी अध्यक्ष कहते हैं और वह भी तब जब पार्टी अध्यक्ष (करुणानिधि) जिंदा हैं।
जब उनसे पूछा गया कि क्या अलागिरी को स्टालिन का नेतृत्व स्वीकार न करने के लिए निलंबित किया गया, तो अलागिरी ने कहा कि वह इस बारे में नहीं जानते, लेकिन उनके खिलाफ कार्रवाई सुनियोजित थी। उन्होंने दोहराया कि वह आगामी लोकसभा चुनाव नहीं लड़ेंगे और न ही द्रमुक के खिलाफ प्रत्याशी खड़े करेंगे। उन्होंने कहा कि पार्टी खुद ही हार जाएगी।
द्रमुक ने कल अलागिरी को पार्टी के सभी पदों और प्राथमिक सदस्यता से निलंबित कर दिया था। अलागिरी के निलंबन की घोषणा करते हुए पार्टी महासचिव के अनबक्ष्रगन ने आरोप लगाया कि अलागिरी ने द्रमुक के कुछ सदस्यों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई किए जाने की आलोचना करते हुए पार्टी कार्यकर्ताओं से काम न करने को कहा कि उन्होंने कुछ चर्चा की जो उचित नहीं थी और उन्होंने भ्रम भी पैदा किया।
करुणानिधि से पूछा गया कि क्या अलागिरी के निलंबित होने से द्रमुक पर और उसकी चुनावी संभावनाओं पर असर पड़ेगा। इस पर द्रमुक नेता ने नकारात्मक जवाब दिया। स्टालिन ने अपने बड़े भाई से कोई मतभेद होने से इंकार करते हुए कहा कि यह कार्रवाई पार्टी का मामला है।