फसलों को नुकसान पहुंचा रहे आवारा मवेशी

Update: 2014-10-07 00:00 GMT

बहादुरपुर। सोयाबीन और उड़द की फसल को आवारा मवेशी नुकसान पहुंचा रहे हैं। दर्जनों की संख्या में घूम रहे आवारा मवेशी रात के समय झुंड के रूप में खेतों में घुस जाते हैं एवं रातोंरात फसल चट कर जाते हैं। मवेशियों के खेतों में घुसने से फसल बड़ी मात्रा में नष्ट हो रही है। सोमवार को ग्राम बरखेड़ा भोगी से करीबन आधा सैंकड़ा आवारा मवेशियों को घेरकर ग्रामीण थाने में लेकर पहुंचे। ग्रामीणों का आरोप था कि यह मवेशी ग्राम लप्तौरा-भ्याना के हैं। इनके मालिकों को कई बार ग्रामीणों ने इन्हे घेरकर ले जाने को कहा है। लेकिन पशुपालकों ने मवेशियों को आवारा छोड़ रखा है। जिससे फसलों की बर्बादी हो रही है। ग्रामीणों के आरोप भी सही थे। क्योंकि अधिकांश मवेशियों की गर्दनों में मोहरी डली हुईं थी तो कई गायों के साथ उनके बछड़े भी थे। ग्रामीण जब मवेशियों को घेर कर थाने में पहुंचे तो पूरा थाना परिसर भर गया। इधर से उधर भागते गाय-बैलों को घेरने की मशक्कत ग्रामीणों के साथ-साथ पुलिसकर्मी भी करते रहे।
बंद हो चुके हैं कांजी हाउस:
पहले आवारा मवेशियों को कैद करने के लिये बड़े-बड़े गांवों में कांजी हाउसों की व्यवस्था थी। जिनमें नुकसान पहुंचा रहे मवेशियों को पकड़ कर बंद करवा दिया जाता था। जिसके बाद तयशुदा जमानत देने पर ही मवेशियों की रिहाई हो पाती थी। इससे पशुपालकों में भी भय बना रहता था एवं इस तरह से मवेशी भी खुले नहीं घूम पाते थे। लेकिन कुछ ही वर्ष पहले यह कांजी हाउस बंद कर दिये गये। जिससे यह समस्या फिर से पनपने लगी है। यदि कांजी हाउसों को बंद करने की बजाय उन्हे छोटी-मोटी गौशाला का रूप दे दिया जाता तो मवेशियों की आवारगी की समस्या का निवारण एक हद तक हो जाता। कस्बे में भी कांजी हाउस बंद पड़ा हुआ है। इसकी 150 वर्गफीट से अधिक भूमि पर भी अतिक्रमणकारियों की नजर है। 

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