फर्जी विकलांगता प्रमाण-पत्र देने वाले डॉक्टर जाएंगे जेल

Update: 2014-11-14 00:00 GMT

भोपाल। विकलांगता का फर्जी प्रमाण पत्र जारी करने वाले डॉक्टर और उसके आधार पर नौकरी देने वाले अधिकारियों की अब खैर नहीं। निशक्तजनों का हक मारने वाले ऐसे डॉक्टरों और अधिकारियों के खिलाफ सरकार ने सख्त कार्रवाई के लिए मोर्चाबंदी कर दी है।
सामाजिक न्याय एवं नि:शक्तजन कल्याण मंत्री गोपाल भार्गव ने दिशानिर्देश दिए हैं। सूत्रों के अनुसार मंत्री भार्गव ने फर्जीवाड़ा करने वाले डॉक्टरों को पकडऩे के लिए सोशल नेटवर्किंग साइट फेसबुक की भी मदद ली है। भार्गव ने माना है कि सरकार द्वारा विकलांगों और निशक्तजनों के लिए चलाए गए विशेष भर्ती अभियान में कई लोगों ने फर्जी प्रमाण पत्र बनवाकर अपनी नियुक्ति करवा ली है। ऐसे में अब भार्गव ने सोशल नेटवर्किंग साइट फेसबुक की हेल्प लेते हुए इस पर एक पत्र जारी किया है जिसमें फर्जी प्रमाण पत्र के जरिए नौकरी पाने वालों की शिकायत करने की अपील की गई है ताकि सही लोगों को न्याय मिल सके।
6 प्रतिशत पद आरक्षित
दरअसल, सामाजिक न्याय एवं निशक्तजन कल्याण विभाग के माध्यम से निर्णय लिया गया था कि अब प्रदेश के सभी शासकीय विभागों के विभिन्न पदों की भर्ती में विकलांग एवं नि:शक्तजनों को 6 प्रतिशत पद आरक्षित किए जाएंगे।
इसी निर्णय के बाद विभिन्न विभागों द्वारा विकलांगों एवं निशक्तजनों की भर्ती के लिए विशेष अभियान चलाया जा रहा है। 

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