जांच रिपोर्ट में सामने आया सेना भर्ती में अव्यवस्थाओं के कारण हुआ उपद्रव

Update: 2014-11-15 00:00 GMT

ग्वालियर।  12 नवम्बर की सुबह मेला मैदान से शुरू हुआ बलवा सेना भर्ती में अव्यवस्थाओं के कारण हुआ। जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी इलैया राजा टी द्वारा इस मामले की जांच की गई। जांच प्रतिवेदन को अब जिला दण्डाधिकारी एवं वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक के संयुक्त हस्ताक्षर से राज्य शासन को भेजा जाएगा।
सेना भर्ती के दौरान हुई आगजनी, तोडफ़ोड़ एवं हिंसात्मक घटना की जांच में निष्कर्ष सामने आया है कि सेना भर्ती के लिए एक साथ 13 जिलों से लगभग 15000-16000 आवेदक मेला मैदान में पहुंचे थेे। इस कारण अव्यवस्था की स्थिति बनी। पहले प्रवेश लेने को लेकर पहले युवाओं में धक्का-मुक्की हुई। उन्हें रोकने के लिए सेना द्वारा किए गए लाठीचार्ज से युवाओं में आक्रोश उत्पन्न हुआ। इस आक्रोश को भर्ती में गड़बड़ी की आशंका के चलते बल मिला। अफवाह से युवाओं की भीड़ आक्रोशित हो गई। बलवे में असमाजिक तत्वों की भागीदारी की संभावना भी जताई गई है। कलेक्टर पी. नरहरि ने बताया कि थल सेना द्वारा बरती गई लापरवाही को ध्यान में रखते हुए सेना के जिम्मेदार लोगों को बुलाकर अप्रसन्नता व्यक्त की गई।

रातभर इंतजार के कारण खोया धैर्य
जांच रिपोर्ट में बताया गया है कि शहर में एक साथ 13 जिलों के उम्मीदवारों के लिए भर्ती रैली आयोजित करना, जिनकी अनुमानित संख्या भी अनिश्ििचत थी। भर्ती स्थल पर असुविधा के साथ ही रातभर भर्ती का इंतजार करना और प्रात: 3:30 बजे से भर्ती प्रक्रिया शुरू होने के कारण उम्मीदवारों ने धैर्य खो दिया। इसी कारण रैली में शामिल आवेदक एक बलवाकारी भीड़ में बदल गई और उसके द्वारा गैर जिम्मेदाराना रवैया अपनाते हुए तोडफ़ोड़, आगजनी और हिंसात्मक गतिविधियां की गईं।

यह रहे संभावित कारण
*  15000-18000 छात्रों के कारण विपरीत स्थिति निर्मित होना
* सेना का फोर्स डिप्लायमेंट प्लान त्रुटिपूर्ण था। भर्ती के दौरान सेना द्वारा कलेक्टर को पत्र लिखकर कुल 40 लोगों के पुलिस बल की मांग की थी।
*  आवेदकों की लाइन व्यवस्था ठीक नहीं थी। इस कारण अचयनित उम्मीदवार भी चयनित के साथ शामिल हो गए। इससे उम्मीदवारों में पक्षपात की आशंका पनपी और अव्यवस्था फैली
*  आवेदकों को सुबह 3 बजे से लाइन में लगाया जाना। कुछ आवेदकों ने लाइन तोड़कर आगे जाने का प्रयास किया।
* आवेदकों की ओर से अचानक किया गा पथराव घटना का मुख्य कारण रहा।
* आर्मी द्वारा अचानक भर्ती को रोका जाने से दूर दराज के बेरोजगारों में आक्रोश पैदा हो जाना।
* भर्ती प्रक्रिया में गड़बड़ी और तीन युवकों की करंट से मौत की अफवाह से भीड़ उग्र हुई।
* असमाजिक तत्वों की भी इस घटना में भागीदारी की संभावना है।

रेलवे को दस लाख की क्षति
शहर में सैना की भर्ती प्रकिया के दौरान हुए उपद्रव में रेलवे को भारी नुकसान उठाना पड़ा है। उपद्रवियों द्वारा विभिन्न रेल गाडिय़ों एव स्टेशन पर की गई तोडफ़ोड़ से विभाग को करीब दस लाख रूपए की क्षति का अनुमान है।
उल्लेखनीय है कि बुधवार को सैना की भर्ती प्रक्रिया रद्द होने के बाद अचानक मची भगदड़ में उपद्रवियों भर्ती स्थल मेला मैदान सहित इसके आसपास के क्षेत्रों तथा रेलवे स्टेशन भारी तोडफ़ोड़ की गई थी। इस दौरान शताब्दी सहित करीब आधा दर्जन रेलगाडिय़ों को निशाना बनाते हुए उपद्रवियों ने उनके कांच व स्लीपर कोच के फर्नीचर को भी तोड़ दिया था। इतना ही नहीं उपद्रवी गाडिय़ों के कोच से पंखे व सीट से गद्दियां भी खींच ले गए। इसके बाद जब रेलवे के अधिकारियों ने मामले की जांच की तो उसमें रेलवे को करीब दस लाख रूपए का नुकसान होना बताया।

गाडिय़ों के टूटे कांच
शताब्दी एक्सप्रेस की 21 खिड़कियों के कांच तोड़े गए वहीं, केरला एक्सप्रेस के 18, यार्ड में रखी ग्वालियर-पुणे एक्सप्रेस के 10 तथा बरौनी मेल व आगरा- ग्वालियर पैंसेजर की एक-एक खिड़की का कांच उपद्रवियों ने तोड़ दिया।
इन्दौर-भिण्ड इन्टरसिटी में भी काफी तोड़ फोड़ की गई। स्लीपर कोच से पंखे व सीट की गद्दियां भी उपद्रवी खींच कर ले गए।
प्लेटफार्म नम्बर एक पर स्थित मुख्य दरवाजे के कांच टूटे।
प्लेटफार्म एक पर लगी एटीएम मशीन को भी क्षति हुई।

*प्लेटफार्म पर रखे पांच बोरी व चार कार्टून टॉफियां, होजरी का कार्टून एवं अन्य सामान।
प्लेटफार्म नम्बर दो पर बने यूको टॉयलेट का दरवाजा व कांच भी टूटा।
प्लेटफार्म पर संचालित स्टॉल से खाद्य सामग्री, गल्ला एवं बुक स्टॉल से किताबें भी लूट ली गईं।

जीआरपी ने नहीं किया मामला दर्ज
स्टेशन प्रबंधक पीपी चौबे द्वारा जीआरपी थाना में उपद्रवियों द्वारा की गई लूटपाट एवं तोडफ़ोड़ की शिकायत की गई। लेकिन घटना के दो दिन बाद भी जीआरपी ने कोई मामला दर्ज नहीं किया है। इस सम्बन्ध में जीआरपी थाना प्रभारी ने बताया कि स्टेशन प्रबंधक की ओर से शिकायती आवेदन मिला है। लेकिन उस पर किसी के खिलाफ मामला दर्ज नहीं किया जा सकता। जिन लोगों के साथ लूटपाट एवं अभद्रता या फिर कोई अप्रिय घटना हुई है। उनमें से किसी की ओर से कोई शिकायती आवेदन नहीं दिया गया। इस स्थिति में भविष्य में उपद्रवियों या अपराधियों को बढ़ावा मिलेगा और कभी भी ऐसी घटना की पुनरावृत्ति हो सकती है। 

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