कुसुमखो में मलेरिया का प्रकोप, नियंत्रण में जुटा स्वास्थ्य विभाग
गुना। बमौरी क्षेत्र के आदिवासी बाहुल्य गांव कुसुमखो में मलेरिया का प्रकोप आज चौथे दिन भी बरकरार बना हुआ है। हालांकि अब तक स्थिति काफी हद तक नियंत्रण में आ चुकी है, किन्तु स्वास्थ्य विभाग अभी भी मौके पर जुटा हुआ है। इसके चलते जल्द ही स्थिति नियंत्रण में आने की संभावना है। मामले में स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही अब तक खुलकर सामने आ चुकी है। कुसुमखो सहित आसपास का क्षेत्र पिछले लंबे समय से बुखार में तप रहा था, किन्तु स्वास्थ्य विभाग को इसकी खबर तक नहीं लग सकी। खबर तब लगी, जब स्थिति काफी हद तक बिगड़ गई। इसी के चलते सीएमएचओ डॉ. डीके भार्गव ने 2 चिकित्सकों सहित पाँच को नोटिस जारी कर दिए है।
बताया जाता है कि बमौरी विकासखण्ड चिकित्सा अधिकारी एन. के. टैटवाल सहित डॉ. अनिल वीलवाल एवं 3 स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को नोटिस दिए गए है। नोटिस में लापरवाही का कारण पूछने के साथ ही एक-एक वेतन वृद्वि रोकने की चेतावनी देना भी बताया गया है। इधर खुद स्वास्थ्य विभाग ने स्थिति को नियंत्रम में होना बताया है। हालांकि बुखार के मरीज अभी भी निकलकर सामने आ रहे है।
अन्य गांव भी हैं बुखार पीडि़त
सिर्फ कुसुमखो ही नहीं बल्कि बमौरी क्षेत्र के अन्य गांव भी बुखार पीडि़त बताए जाते है। गौरतलब है कि क्षेत्र के अनेक गांव आदिवासी बाहुल्य है। जहां स्वास्थ्य सुविधाओं का खासा अभाव है, साथ ही स्वच्छता को लेकर इन क्षेत्रों में चल रहे कथित जागरुकता अभियान भी इन लोगों को इसको लेकर जागरुक नहीं कर पाए है। बताया जाता है कि कुसुमखो के साथ ही क्षेत्र से लगे कई गांवों में बुखार का प्रकोप फैला हुआ है। स्वास्थ्य विभाग इस स्थिति पर भी नजर रख रहा है। साथ ही जांच की जा रही है कि कई यह बुखार मलेरिया का तो नहीं है। इसके साथ ही कुसुमखो में बुखार पीडि़तों की भी जांच हो रही है।
दुर्दशा का शिकार है पूरा गांव
आदिवासी बाह्ुल्य कुसुमखो गांव दुर्दशा का शिकार है। यहां मूलभूत सुविधाएं तक नहीं पहुँच पाई है। हालात इस हद तक खराब है कि गांव में बिजली की रोशनी तक नहीं है। जिससे स्वास्थ्य विभाग की टीम को उपचार में कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। अंधेरे में दवाईयां देने के साथ ही ड्रिप लगाई जा रही है। इसके साथ ही गांव में साफ-सफाई भी कराई गई है और गंदे पानी की निकासी की गई है।
दो चिकित्सकों सहित पांच को नोटिस