भोपाल। पहले गाड़ी और मकान की खरीद फरोख्त नोटरी पर होती थी। मगर अब शादी जैसा पवित्र बंधन भी नोटरी पर हो रहा है। राजधानी में ऐसे कई मामले सामने आए हैं। जिसमें नोटरी पर शादी की गई, पति पत्नी की तरह साथ भी रहे। लेकिन 4 या 6 महीने बाद अलग भी हो गए। इस तरह के मामलों में युवती के साथ ठगी हुई है अक्सर इसका पता उसे युवक के चले जाने पर चलता है। उसके बाद शुरू होता है पुलिस में शिकायत, परिवार परामर्श केन्द्रों में गुहार लगाने का सिलसिला।
राजधानी के परिवार परामर्श केन्द्रों में नोटरी पर शादी करने के मामले पहुंच रहे हंै। हालांकि इस तरह की शादी कानून वैध नहीं है। कानून नोटरी पर शादी करने वालों को पति-पत्नी का दर्जा नहीं देता है। बावजूद इसके युवतियों को झांसा देने के लिए युवक नोटरी पर शादी कर रहे हैं। कुछ दिन युवती के साथ पति की तरह रहते भी हंै। जब युवतियां ससुराल में रहने का दबाव बनाती हैं, तो वह उसे यह कर छोड़ देते हैं कि यह कोई शादी नहीं थी। ऐसा होने के बाद युवतियों को पुलिस का सहारा लेना पड़ता है।
थानों में संचालित परिवार परामर्श केन्द्रों में नोटरी पर हुई शादी के मामले पहुंच रहे हैं। युवतियां जब शादी के प्रमाण के तौर पर नोटरी पत्र लेकर जाती हैं। उन्हें यहां पहुंचने के बाद पता चलता कि नोटरी की शादी वैध नहीं है। ऐसे वह युवतियां खुद को ठगा महसूस करती हैं। टीटी नगर थाना परिवार परामर्श केन्द्र की काउंसलर आरती अस्थाना को बताया कि नोटरी पर शादी के मामले आ रहे हैं। इस तरह के प्रकरण में अक्सर युवतियों को यहां आने पर पता चलता है, कि नोटरी पर हुई शादी कानून वैध नहीं है।
महिला थाना प्रभारी प्रज्ञा जोशी आर्या ने बताया इस तरह शादिया बिन फेरे हम तेरे की तरह हैं। जब तक दिक्कत नहीं हो सब ठीक रहता है।
जब बात विवाद की होती है तो युवती की शिकायत पर ही प्रकरण दर्ज किया जाता है। पीडि़ता यदि युवक पर शारीरिक शोषण का आरोप लगाती है, तो निश्चित पुलिस मामला दर्ज करती है।