ग्वालियर। चिटफंडश्री संतोषी लाल राठौर ने पांच साल पहले पीएसीएल चिटफंड कंपनी में एजेन्ट की नौकरी छोड़कर खुद की केएमजे लैण्ड डवलपर्स के नाम से चिटफंड कंपनी बनाई। इसके बाद तो उसने भोली-भाली जनता को एक से डेढ़ गुना करने का लालच देकर कंपनी में निवेश करवाया और पांच साल में पांच सौ करोड़ रुपए कमाए। यह खुलासा खुद दो हजार के इनामी संतोषीलाल राठौर ने पुलिस पूछताछ में किया है।
केएमजे लैण्ड डवलपर्स के नाम से चिटफंड कंपनी चलाने वाला संतोषी लाल राठौर करीब दस साल पहले हजीरा क्षेत्र में एक डॉक्टर के यहां कम्पाउण्डर की नौकरी करता था। इसके बाद उसने पीएसीएल चिटफंड कंपनी में बतौर एजेन्ट काम करना शुरू किया। एजेन्ट का काम करते हुए भी उसने काफी मोटा पैसा कमाया। इसके बाद 2008 में उसने ग्वालियर में खुद की केएमजे लैण्ड डवलपर्सके नाम से चिटफंड कंपनी खोल ली। फिर तो उसने जबरदस्त कमाई की। दूसरे प्रदेशों में भी कंपनी का नेटवर्क फैला लिया। पूछताछ में उसने बताया कि पांच साल के भीतर उसने पांच सौ करोड़ रुपए जनता से कंपनी में निवेश करवाए। 2013 में 100 करोड़ का टर्न ओवर कंपनी को मिला। अब पुलिस इसकी संपत्ति संबंधी दस्तावेजों को खंगालने में जुटी है।
साथ में काम करते थे संतोषी और बी.विश्वनाथन:-संतोषी लाल राठौर और बी.विश्वनाथन दोनों साथ में पीएसीएल कंपनी में काम करते थे। विश्वनाथन की दोस्ती उसी समय संतोषी लाल से हुई। विश्वनाथन ने 1996 से 2008 तक पीएसीएल कंपनी में काम किया। इसके बाद वह संतोषी लाल राठौर की केएमजे लैण्ड डवलपर्स में बतौर जनरल मैनेजर काम करने लगा। संतोषी लाल ने उसे दक्षिण भारत के तमिलनाडू, आंध्रप्रदेश, कर्नाटका, पाण्डिचेरी का प्रभार दिया। विश्वनाथन ने विगत दो वर्षों में 15 करोड़ की राशि जनता से केएमजे में जमा करवाई।
बेशकीमती जमीन खरीदी:- जनता से जमा करवाए गए रुपयों से संतोषीलाल राठौर ने मध्यप्रदेश सहित दूसरे प्रदेशों में बेशकीमती जमीन खरीदी। पुलिस को प्रारंभिक पूछताछ में मालूम हुआ है कि आंध्रप्रदेश के विजयवाड़ा में 15 एकड़, विजयनगरम में 20 एकड़, तमिलनाडू के धर्मपुरी में 15 एकड़ जमीन केएमजे लैण्ड डवलपर्सके नाम से खरीदी गई।
विश्वनाथन को जेल भेजा:- बी.विश्वनाथन को चार दिन की पुलिस रिमाण्ड पर लेने के बाद मंगलवार को न्यायालय में पेश किया गया। यहां से न्यायालय ने उसे जेल भेज दिया।