नई दिल्ली। आज देश की सर्वोच्च अदालत ने आज पूर्व बीसीसीआई अध्यक्ष श्रीनिवासन को बड़ा झटका दिया है। उच्चतम न्यायालय ने कहा कि श्रीनिवासन बीसीसीआई में कोई जिम्मेदारी नहीं निभा सकते।
उच्चतम न्यायालय में श्रीनिवासन को बोर्ड के अध्यक्ष पद से दूर नहीं रखने की अपील पर सुनवाई हुई, जिसमें कोर्ट ने कहा कि मैचों के दौरान सुंदररमन आईपीएल के सीओओ बने रहेंगे, लेकिन इसके लिए उसकी कुछ शर्तें भी हैं।
उच्चतम न्यायालय ने कहा कि वह बीसीसीआई की स्वायत्ता बनाए रखना चाहता है, लेकिन श्रीनिवासन के खिलाफ आरोपों की जानकारी के बाद हम चुप नहीं रह सकते। अब इस मामले की अगली सुनवाई 22 अप्रैल को होगी।
गौरतलब है कि आईपीएल स्पॉट फिक्सिंग मामले को लेकर दांवपेंच का खेल लगातार जारी है, और हमेशा की तरह ही एन श्रीनिवासन जितना ज़्यादा घिरा हुआ दिखाई देते हैं, उनके दांव मसले की पेचीदगी को उतना ही बढ़ा देते हैं।
उल्लेखनीय है कि 16 मई, 2013 को आईपीएल में स्पॉट फिक्सिंग और सट्टेबाजी के मामले में राजस्थान रॉयल्स के तीन खिलाड़ियों के साथ एन श्रीनिवासन के दामाद गुरुनाथ मयप्पन को पुलिस ने गिरफ्तार किया था। इसके बाद बीसीसीआई ने तीन सदस्यों की जांच समिति बनाकर मयप्पन को जांच होने तक सस्पेंड कर दिया था। इसके अलावा जांच पूरी होने तक बीसीसीआई में भी श्रीनिवासन की जगह जगमोहन डालमिया अंतरिम अध्यक्ष रहे। फिर बॉम्बे हाईकोर्ट ने बीसीसीआई की जांच समिति को गैरकानूनी बताया, और सुप्रीम कोर्ट ने भी बॉम्बे हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगाने से इनकार कर दिया।