नई दिल्ली | प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सभी 30 मंत्री समूह और उच्चाधिकार प्राप्त मंत्री समूह भंग कर दिये। उन्होंने मंत्रालयों और विभागों से लंबित मसलों पर फैसले के लिए कहा है।
उच्चाधिकार प्राप्त 9 मंत्री समूह (ईजीओएम) और 21 मंत्री समूह (जीओएम) को भंग करने के फैसले का ऐलान करते हुए प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने कहा कि इससे निर्णय लेने की प्रक्रिया तेज होगी और व्यवस्था में अधिक जवाबदेही आएगी।
बयान में कहा गया कि मंत्रालय और विभाग अब ईजीओएम और जीओएम के समक्ष लंबित मुद्दों पर विचार करेंगे और मंत्रालय और विभाग के स्तर पर ही उचित फैसला करेंगे। पीएमओ ने कहा कि जहां कहीं भी मंत्रालयों को कठिनाई आएगी, कैबिनेट सचिवालय और पीएमओ निर्णय लेने की प्रक्रिया में मदद करेंगे।
बयान में ईजीओएम और जीओएम भंग करने के ऐलान को बड़ा कदम बताते हुए कहा गया है कि ऐसा मंत्रालयों और विभागों के सशक्तीकरण के लिए किया गया है।
पूर्व रक्षा मंत्री ए के एंटनी अधिकांश ईजीओएम के अध्यक्ष थे। भ्रष्टाचार, अंतर राज्यीय जल विवाद, प्रशासनिक सुधार और गैस एवं दूरसंचार मूल्य जैसे मुद्दों पर फैसले के लिए उक्त समूहों का गठन किया गया था। ईजीओएम के पास केन्द्रीय मंत्रिमंडल की तर्ज पर फैसले लेने का अधिकार था। जीओएम की सिफारिशें अंतिम फैसले के लिए कैबिनेट के समक्ष पेश की जाती थीं।