भिण्ड | कानून और नियमों की धज्जियां उड़ाने में जिलाधीश किसी मायने में पीछे नहीं हैं। उनके द्वारा पिछले दिनों मेला ग्राउण्ड के प्रांगण में स्वयं बुल्डोजर चलवाकर 765 शस्त्रों का विनिष्टकरण कराया गया, जो शस्त्र अधिनियम के नियम विरुद्ध है। शस्त्र विनिष्टीकरण का प्रावधान किसी भी नियम व कानून में नहीं है। उन्होंने अपनी मनमानी करते हुए न केवल शस्त्रों का विनिष्टीकरण कराया बल्कि अच्छे शस्त्रों को रेत माफियाओं को सप्लाई कर दिए गए हैं। जिनका उपयोग रेत के अवैध कारोबार में धड़ल्ले से हो रहा है। यह आरोप पूर्व विधायक रसाल सिंह ने अपने निवास पर पत्रकारों से चर्चा के दौरान जिलाधीश पर लगाए हैं। उन्होंने कहा है कि जिलाधीश ने उनकी हत्या की साजिश के तहत विनिष्टीकरण किए गए हथियारों में से कुछ अच्छे हथियार रेत माफियाओं के सप्लाई किए गए हैं।
पूर्व विधायक रसाल सिंह ने कहा कि भिण्ड जिले में रेत माफियाओं को पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों का पूरा संरक्षण प्राप्त है। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक व जिलाधीश स्वयं अवैध रेत खदानों को चलवा रहे हैं, जिन थाना क्षेत्रों में रेत खदानें आती हैं उन खदानों को रेत माफिया ही चला रहे हैं, पुलिस उनके अनुसार ही कार्रवाई करती है। भिण्ड जिले में अमायन थाना क्षेत्र के कुछ ग्रामीणों ने रेतों के डम्पर और ट्रेक्टर अपने खेतों से निकलने का विरोध किया तो उन गरीब किसानों को अमायन थाना पुलिस ने ठिकाने लगाने के लिए रेत माफियाओं के कहने पर झूठा लूट का मामला दर्ज कर लिया। जिसमें एक निर्दोष युवा किसान जेल में अभी भी बन्द है। भिण्ड-दतिया के रेत इलाकों के थाना रेत माफियाओं की मर्जी से ही चलते हैं, दतिया के मंगरौल व स्योंड़ा थाना पर भी रेत माफियाओं का कब्जा है, उनके रेत के अवैध कारोबार के धंधे में जो भी बाधक बनता है या शिकायत शिकवा करता है, ऐसे लोगों पर पुलिस फर्जी मामले दर्ज कर रेत माफियाओं का सहयोग करती है। रेत माफियाओं के दवाब में मंगरौल थाना में 10 लाख की लूट का मामला दर्ज हुआ है जो कि बिल्कुल झूठा एवं मनगढ़न्त मामला है, यह घटना दतिया जिले की इटायना गांव की है, इतनी बड़ी घटना के बावजूद अभी तक पुलिस के किसी वरिष्ठ अधिकारी ने घटना स्थल पर पहुंचकर ग्रामीणों के कथन तक नहीं लिए हैं, कुछ ही दिन पूर्व दूसरी घटना डिरोलीपार थाना में घटित हुई है, यहां रेत माफियाओं ने दो लोगों की हत्या की और स्वयं ही घटना के फरियादी बनकर थाने पहुंच गए और अपने गांव के स्वयं के विरोधियों के विरुद्ध झूठा हत्या का मामला दर्ज करा दिया, इस घटना की वास्तविकता से आरक्षक से लेकर रेंज के आई.जी. तक बाकिफ हैं। मृतक के मां-बाप ने वास्तविक आरोपियों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज करने को कहा, लेकिन फिर भी कार्रवाई नहीं हुई है, उन्होंने पुलिस को स्पष्ट तौर पर बताया है कि उनके बेटे की हत्या उन लोगों ने ही की है, जिनको पुलिस ने फरियादी बना लिया है और वास्तविक हत्यारे पुलिस गिरफ्त से बाहर हैं। एक अन्य घटना अभी हाल ही में पुलिस ने ग्राम चाचीपुरा गांव में भी वीरेन्द्र सिंह पुत्र गोपाल सिंह के घर में लूटपाट एवं तोडफ़ोड़ की है। इसमें पुलिस एवं प्रशासनिक अधिकारी एक साथ थे। पुलिस और एस.डी.एम. ने मिलकर न केवल लूटपाट की बल्कि लाखों रुपए के सामान को क्षतिग्रस्त कर दिया है। पुलिस ने उनके मकानों को तोड़-फोड़ कर पांच लाख रुपए की आर्थिक क्षति पहुंचाई है और सोने-चांदी के जेवरात एवं दो लाख रुपए नगदी की लूटपाट की है।
पूर्व विधायक रसाल सिंह ने कहा कि आई.जी. ईमानदार व्यक्ति हैं। इसलिए उनसे मांग कहता हूं कि यदि उनकी जोन में यदि कोई ईमानदार पुलिस अधिकारी है तो उससे इन पूरे घटनाक्रमों की निष्पक्ष जांच करा ली जाए, तो वास्तविकता सामने आ जाएगी।