नई दिल्ली | सरकार ने नक्सलियों से बातचीत की संभावना से इंकार किया, लेकिन कहा कि माओवादी हिंसा से निपटने के लिए राज्यों के साथ निकट समन्वय बनाकर संतुलित रवैया अपनाया जाएगा। केन्द्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने नक्सल हिंसा प्रभावित 10 राज्यों के शीर्ष प्रशासनिक एवं पुलिस अधिकारियों से कहा कि पुलिस बलों के आधुनिकीकरण के लिए पर्याप्त धन दिया जाएगा। राजनाथ ने उनसे कहा कि यदि माओवादी उनके अधिकार को चुनौती देते हैं तो उन्हें मुंहतोड़ जवाब दिया जाए।
उच्चस्तरीय बैठक की अध्यक्षता करने के बाद राजनाथ ने कहा कि अब किसी बातचीत का कोई सवाल नहीं उठता। हम संतुलित रवैया अपनाएंगे। लेकिन यदि नक्सली हमले करते हैं तो बल मुंहतोड़ जवाब देंगे। छत्तीसगढ, झारखंड, ओडिशा, बिहार, पश्चिम बंगाल, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक, सीआरपीएफ और बीएसएफ जैसे अर्धसैनिक बलों के प्रमुख तथा गृह मंत्रालय के शीर्ष अधिकारी बैठक में शामिल हुए।
ऐसा पहली बार हुआ है कि नये गृह मंत्री को हर राज्य ने अपने अपने यहां माओवादी संकट की मौजूदा स्थिति से अवगत कराया। गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने बाद में कहा कि माओवादियों से बातचीत तभी की जाएगी, जब वे हिंसा छोड़कर वार्ता के लिए आगे आएं।
बैठक के दौरान गृह मंत्री ने सभी राज्यों से कहा कि वे माओवादियों की गतिविधियों से निपटने के लिए एक समान एवं समन्वित रवैया अपनाएं। राज्यों ने राजनाथ सिंह को आश्वासन दिया कि वे इस संबंध में केन्द्र सरकार की पहल का पूरा समर्थन करेंगे।
राजनाथ सिंह ने कहा कि गृह मंत्रालय आंध्र प्रदेश में नक्सल रोधी विशेष बल ग्रेहाउण्डस की तर्ज पर विशेष बल गठित करने के लिए धन मुहैया कराएगा। शुरुआत में इस तरह के बल छत्तीसगढ़, झारखंड, ओडिशा और बिहार में बनेंगे।