भाजपा नेता को गोली मारी

Update: 2014-07-14 00:00 GMT

ग्वालियर। घर का दरवाजा खोलते समय गोलियों की आवाज होने से मौहल्ले वालों की सुबह साढ़े पांच बजे नींद टूट गई। बाहर जब देखा तो एक युवक खून से लथपथ था और दो युवक हथियार लहराते हुए भाग रहे थे। भागते हुए युवकों ने एक फायर और ठोका। वह फायर शायद इस लिए था कि उन्हें कोई पकड़ न ले। यह घटना है रविवार सुबह की, जब भाजपा नेता एवं कपड़ों के व्यापारी मंदिर से वापस लौटकर अपने घर का दरवाजा खोल रहे थे। तभी पहले से ही घात लगाए खड़े दो युवकों ने गोली चला दी। गोली से घायल व्यापारी स्वयं ही कार चलाकर अस्पताल पहुंच कर भर्ती हो गए। इसके बाद पुलिस को सूचना दी गई।
जानकारी के अनुसार डॉ. संजीव बंसल पुत्र डॉ. बीएल बंसल उम्र 40 वर्ष की रेडीमेड कपड़ों की दुकान यूनीफार्म जंकशन के नाम से मोचीओली में घर के नीचे स्थित है। संजीव प्रतिदिन की तरह रविवार को सुबह चार बजे अचलेश्वर मन्दिर पर बेलपत्री चढ़ाकर घर वापस सुबह 5:30 बजे लौटे थे और घर के मुख्य द्वार का दरबाजा खोलने लगे तभी वहां पहले से ही मौजूद दो युवकों ने उन पर कट्टे से फायर कर दिया। एक गोली संजीव के पैर को छूते हुए निकल गई, जबकि दूसरी गोली उनके पीठ में घुसकर पेट से निकल गई। संजीव के सामने रहने वाले मुरली ने जब गोली की आवाज सुनी तो उन्होंने शोर मचाना प्रारम्भ कर दिया, जिससे हमलावर हवा में फायर करते हुए दानाओली की तरफ भाग गए। संजीव और मुरली कार से जयारोग्य अस्पताल पहुंचे। इसके बाद संजीव को सुबह सात बजे सहारा अस्पताल में भर्ती कराया गया। सहारा में उनका ऑपरेशन किया गया। डॉक्टरों ने बताया है कि उनकी बड़ी आंत को फाड़ते हुए गोली निकली है। 24 घंटे बाद ही कुछ कहा जा सकेगा। गोली किसने मारी? इसका अभी पता नहीं चल सका है। पुलिस ने घटना स्थल पर पहुंंचकर अज्ञात युवकों के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच प्रारम्भ कर दी है।
तीन लोगों से चल रहा था विवाद
बताया गया है कि कुछ समय पूर्व संजीव ने फालका बाजर में एक दुकान खरीदी थी। दुकान के नामांतरण को लेकर नगर निगम के कर संग्राहक गुप्ता को संजीव ने रिश्वत लेते हुए लोकायुक्त से रंगे हाथों पकड़वा दिया था। फालका बाजार में बाबा यूनीफार्म के नाम से उनकी दुकान संचालित है। दुकान के बगल से ही एक यूनीफार्म की और भी दुकान है, जिसके संचालक को धंधे में हो रहे नुकशान को लेकर भी उनसे विवाद चल रहा था। यूनीफार्म बनाने वाले कारीगर से हिसाब-किताब को लेकर भी उनका विवाद हुआ था। इस पर कारीगर ने हजीरा के एक बदमाश सेंगर से संजीव को जान से मारने की धमकी दिलवाई थी। इसकी रिपोर्ट उन्होंने पुलिस थाने में की और यह मामला न्यायालय तक पहुंच गया। बाद में सेंगर और कारीगर द्वारा संजीव से माफी मांगने पर प्रकरण वापस ले लिया और राजीनामा कर लिया था।

होम्योपैथी के डॉक्टर हैं संजीव
डॉ. संजीव ने डीएचबी का डिप्लोमा वसुन्धरा राजे होम्योपैथी महाविद्यालय से किया था। उसके बाद उन्होंने मरीजों का इलाज करना प्रारम्भ किया था। पर मन नहीं लगने पर उन्होंने रेडीमेट गारमेन्ट का धंधा प्रारम्भ किया और उन्हें इसमें सफलता मिलती चली गई। इस कारण उनसे जलने वालों की भी संख्या बढ़ती गई। 

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