देहरादून | दो दिन से लगातार जारी मूसलाधार बारिश ने उत्तराखंड में जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। सड़कों के जगह जगह बंद हो जाने से चारधाम यात्रा बुरी तरह प्रभावित हो गया है। मौसम विभाग ने गुरुवार को भी भारी बारिश की आशंका व्यक्त की है। जिससे यहां हालात कुछ दिनों तक सुधरने की उम्मीद नहीं की जा सकती है। लगातार हो रही इस बारिश से कई जगह भू-स्खलन का खतरा बना हुआ है। कई जगहों पर सैकड़ों तीर्थयात्री फंसे हुए हैं। धारचूला तहसील के तेजम में बनाए गए अस्थायी पुल समेत दारमा, व्यास और मल्लाजोहार में भी कई पुल बह गए हैं। मुनस्यारी-मिलम पैदल मार्ग भी कई जगहों पर बह गया है।
केदारघाटी समेत पूरे गढ़वाल में हो रही बारिश के कारण केदारनाथ यात्रा तीन दिन के लिए स्थगित कर दी गई है। कई स्थानों पर हाईवे बंद होने के कारण गंगोत्री यात्री भी रुक गई है। केदारनाथ यात्रियों का रजिस्ट्रेशन भी रोक दिया गया है। करीब नौ महीने पूर्व सोनप्रयाग में बनाया गया वैली ब्रिज सोनगंगा के उफान में आने से क्षतिग्रस्त हो गया है। इस कारण सोनप्रयाग से गौरीकुंड जाने के लिए वाहनों की आवाजाही रुक गयी है। बुधवार को श्रीनगर में अलकनंदा नदी का जल स्तर 535.500 मीटर तक पहुंच गया। जबकि नदी का चेतावनी स्तर 535 मीटर है। लिहाजा बारिश होती रही तो हालात और बिगड़ सकते हैं। राज्य के ज्यादातर भागों में हो रही बारिश के कारण अलकनंदा, गंगा, मंदाकिनी और भागीरथी सहित सभी मुख्य नदियां और उनकी सहायक नदियों में जलस्तर बढ़ रहा है ।
गौर हो कि कल रूद्रप्रयाग में भारी बारिश की चेतावनी और पिछले कुछ दिनों से रूक-रूक कर हो रही बारिश की वजह से सड़कों पर मलबा आने के कारण केदारनाथ तीर्थयात्रा तीन दिनों के लिये स्थगित कर दी गयी।