रेलवे में एफडीआई पर इस सप्ताह फैसला करेगा मंत्रिमंडल

Update: 2014-07-20 00:00 GMT

नई दिल्ली | नकदी की कमी में पड़ी भारतीय रेल में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) के नियमों को उदार बनाने पर केंद्रीय मंत्रिमंडल इसी सप्ताह फैसला करेगा। सूत्रों ने कहा कि इस बारे में मंत्रिमंडल के लिए प्रस्ताव मंत्रिमंडल सचिवालय को भेजा जा चुका है। इस प्रस्ताव पर फैसला इसी सप्ताह लिए जाने की उम्मीद है।
औद्योगिक नीति एवं संवर्धन विभाग (डीआईपीपी) ने द्रुत गति की रेल प्रणाली, उपनगरीय गलियारों व सार्वजनिक निजी भागीदारी (पीपीपी) माडल के जरिये कार्यान्वित की जाने वाली विशेष मालभाड़ा लाइन जैसी परियोजनाओं में 100 प्रतिशत एफडीआई का प्रस्ताव किया है।
इसके अलावा औद्योगिक पार्कों के लिए बुनियादी ढांचा की परिभाषा में भी संशोधन का प्रस्ताव है जिससे इसमें रेल लाइनों व साइडिंग को शामिल किया जा सके। परिभाषा में रेल लाइन व साइडिंग को शामिल किए जाने से ये प्रस्ताव बैंकों व वित्तीय संस्थानों से प्राथमिकता क्षेत्र के रिण के पात्र होंगे।
सूत्रों ने कहा कि विदेशी कंपनियों को ऐसी विशेष कंपनियों (एसपीवी) में 100 प्रतिशत हिस्सेदारी लेने की अनुमति दी जा सकती है जो बंदरगाहों, खानों व औद्योगिक क्षेत्रों को जोड़ने वाली रेल लाइनों का निर्माण व रखरखाव करेंगी। माना जा रहा है कि एफडीआई में ढील से इस क्षेत्र के विस्तार में मदद मिलेगी। एक अनुमान के अनुसार रेलवे क्षेत्र 26,000 करोड़ रुपये के नकदी के संकट से जूझ रहा है। हालांकि, ट्रेनों के परिचालन व सुरक्षा में एफडीआई की अनुमति नहीं होगी। फिलहाल मास रैपिड ट्रांसपोर्ट प्रणाली को छोड़कर रेलवे में किसी भी प्रकार के एफडीआई पर रोक है।

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