उत्तर प्रदेश के सात जिलों में बाढ़ का कहर, 10 की मौत

Update: 2014-08-17 00:00 GMT

नई दिल्ली | नेपाल में बादल फटने की घटना, तराई वाले क्षेत्रों में मूसलाधार वर्षा होने के कारण नदियों के उफनने और बांधों से बड़े पैमाने पर पानी छोड़े जाने से उत्तर प्रदेश के सात जिलों में बाढ़ का कहर टूट पड़ा है, जिससे करीब चार लाख लोग प्रभावित हुए हैं।
बाढ़ से जुडी घटनाओं में मरने वालों की संख्या बढ़कर 10 हो गई है और करीब 300 लोग लापता हो गए हैं। राज्य के बहराइच, लखीमपुर खीरी और श्रावस्ती जिले बाढ़ से सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं। जिला प्रशासन के अनुसार इन जिलों में राप्ती और घाघरा नदियों का जलस्तर खतरे के निशान से उपर चले जाने से करीब 500 गांव जलमग्न हो गए हैं।
नेपाल में भालूबांग, भैरावा, कुसुम और चिसपानी बैराज से अतिरिक्त पानी छोड़े जाने से घाघरा नदी का जलस्तर लगतार बढ़ रहा है। तराई क्षेत्र वाली अन्य नदियों में सरयू और शारदा का जलस्तर भी उपर चढ़ रहा है। बाढ़ के कारण राज्य के प्रसिद्ध दुधवा और सुहेलवा वन्य जीव उद्यान के लिए खतरा पैदा हो गया है। आधिकारिक सूत्रों के अनुसार बाढ़ के कारण राज्य में हजारों एकड़ में खड़ी फसल नष्ट हो गयी है। बड़ी संख्या में मवेशी मारे गए हैं और कच्चे मकान पानी में बह गए हैं। कई स्थानों पर सड़कें टूट गयी हैं, जिससे यातायात प्रभावित हुआ है। इस बीच उत्तराखंड और बिहार में भी बाढ़ की तेजी से बिगड़ते हालात को देखते हुए राष्ट्रीय आपादा प्रबंधन समिति ने इन तीनों राज्यों में बाढ़ की स्थिति तथा वहां पहुचायी जाने वाली मदद की समीक्षा की है। उत्तर प्रदेश में बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में खाने पीने की चीजें और अन्य राहत सामग्रियां पहुंचायी जा रही है। लोगों को सुरक्षित निकालने के लिए हेलीकॉप्टर सेवा भी ली जा रही है।


Similar News